खूंटी। अपने राजनीतिक और आर्थिक स्वार्थ के लिए दर्जनों गांवों में गैर परंपरागत और देश विरोधी पत्थलगड़ी करने और सीधे-सादे आदिवासियों को गैर आदिवासियों और सरकार के खिलाफ भड़कानेवाले तत्वों के भ्रम जाल से गांव के लोग निकलते जा रहे हैं। अब ग्रामीणों में जागरूकता आ रही है और वे ऐसी देशतोड़क पत्थलगड़ी पर लिखी बातों को मिटाने लगे हैं। जहां पहले गांव में घुसने पर प्रतिबंध की बातें लिखी थीं, वहीं अब लोगों का स्वागत किया जा रहा है। सरकारी योजनाओं के विरोध की बातें हटा कर विकास कार्यों को लेने की बातें कही जा रही हैं। खूंटी प्रखंड के हातुमादी गांव (मुरही पंचायत) के लोगों ने शनिवार को पत्थलगड़ी में लिखी गैर संवैधानिक और समाज विरोधी को मिटा कर विकास की बातों का उल्लेख किया। बता दें कि 19 जुलाई को सिलादोन पंचायत चितरामू में ग्रामसभा ने वहां की ऐसी पत्थलगड़ी को गिरा दिया था। हातुदामी में तो पत्थर को नहीं हटाया गया, बल्कि वहां की पूरी अनर्गल बात को मिटा दिया गया। पहले जहां ग्रामसभा की अनुमति के बिना किसी गैर आदिवासी को गांव में न घुसने देने, लगान न देने, सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों के बहिष्कार जैसी अनर्गल बातें लिखी गयी थीं, वहीं अब उस पत्थर पर गांव को स्वच्छ और सुंदर रखने, सभी बच्चों को स्कूल भेजने, सभी बच्चों का टीकाकरण और सौ फीसदी लोगों के शौचालय का उपयोग करने जैसी विकास की बातें लिखी गयी हैं। पत्थलगड़ी के इस नये स्वरूप का शनिवार को विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कर अनावरण किया गया।

इससे पहले ग्रामीणों ने ग्राम सभा में इसका निर्णय लिया और डीसी तथा एसडीओ को इसकी लिखित जानकारी भी दी थी। ग्रामीणों की इस पहल को जिला प्रशासन भी हाथों-हाथ लेने की तैयारी में है। 26 अथवा 27 सितबंर को गांव में जनता दरबार लगाया जायेगा।

बहकावे में आ गये थे गलत थी पत्थलगड़ी
ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में बहकावे में आ गये थे। पत्थलगड़ी क्या है, इसे समझ नहीं पाये थे। इसके कारण पत्थलगड़ी की गयी थी। उसमें संविधान की गलत व्याख्या की गयी थी। यह आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार भी नहीं थी। इसके अलावा इससे ग्रामीण सरकारी लाभ से वंचित हो रहे थे। गांव के मुंडा चंद्रमोहन मुंडा ने तो यहां तक कहा कि पता नहीं कहां से अनाड़ी लोग प्रधानमंत्री बन कर आ गये थे और यहां पत्थलगड़ी कर चले गये। वह पत्थलगड़ी बिल्कुल गलत थी। ग्रामीणों ने बताया कि हातुदामी गांव में 17 मई 2017 को पत्थलगड़ी की गयी थी।

प्रशासन लगायेगा जनता दरबार
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में काफी समस्याएं हैं। गांव में पानी की निकासी का साधन नहीं है। इसके कारण सड़क कीचड़ में तब्दील हो गयी है। चापानल और सोलर लाइट खराब है। सोलर वाटर पंप लगा दिया गया, लेकिन पक्कीकरण नहीं किया गया। शॉकपिट भी नहीं बनाया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना से बने मकानों में बिजली नहीं है। ग्रामीणों को सिंचाई के लिए एक चेकडैम की आवश्यकता है। जरूरतमंदों को विधवा और वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलती। युवाओं को रोजगार की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने कहा कि जनता दरबार में जिला प्रशासन के सामने गांव की सभी समस्याओं को रखा जायेगा। मौके पर ग्राम प्रधान दशरथ कच्छप, उप मुखिया प्यारचंद भेंगरा, सिमोन कच्छप, चंद्रमोहन कच्छप, लाल मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे।

प्रशासन का प्रयास और ग्रामीणों की जागरूकता का परिणाम: एसपी
खूंटी। हातुदामी की ग्रामसभा की पहल की सराहना करते हुए एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रशासन का प्रयास और ग्रामीणों की जागरूकता का यह परिणाम है। उन्होंने कहा कि ग्रांव के लोेग देशविरोधी पत्थलगड़ी करानेवालों की मंशा को समझ चुके हैं। गांव के लोगों ने भारत के लोकतंत्र, संविधान और प्रशासन पर भरोसा जताया है।

सच्चाई समझने लगे लोग: एसडीओ
खूंटी। एसडीओ प्रणब कुमार पाल ने कहा कि गांव के लोग अब सच्चाई समझने लगे हैं। गांव के लोगों में काफी बदलाव आया है। जहां लोग सरकारी अधिकारी तक को घुसने देना नहीं चाहते थे, वहीं अब गांव की पत्थलगड़ी में स्वागत की बातें लिखी गयी हैं। यह कम बड़ा बदलाव नहीं है। एसडीओ ने कहा कि अब गांव के लोग मुख्यधारा में जुड़ गये हैं। प्रशासन भी उन्हें पूरा सहयोग देगा और गांव का विकास किया जायेगा।

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