Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»सुजाता चौक पर ट्रैफिक डीएसपी ने की थी खुलेआम गुंडई
    Breaking News

    सुजाता चौक पर ट्रैफिक डीएसपी ने की थी खुलेआम गुंडई

    azad sipahiBy azad sipahiSeptember 13, 2018No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    रांची। गुरुवार की दोपहर एक बजे सोनू मिश्र कोकर सुंदर विहार स्थित अपने घर में बैठा हुआ है। लगातार ऐंटी बाइटिक दवा खाने के बावजूद उसकी दाहिनी आंख स्का सूजन कम नहीं हुआ है। उससे पानी गिर रहा है। गर्दन में भी दायीं तरफ तीन जगह कट के निशान हैं। बायें हाथ की केहुÞनी में डंडे की चोट के निशान और पीठ में लाल दाग। इस बात का स्पष्ट प्रमाण कि सुजाता चौक पर ट्रैफिक डीएसपी रंजीत कुमार लकड़ा, एएसआइ कमाल खान और संजय सिंह ने बुधवार को किस बेरहमी से सोनू मिश्रा की पिटाई की थी।

    सोनू मिश्रा सदमे में है। वह भयभीत भी है। सदमे में इसलिए कि उसने सुजाता चौक पर ऐसा कोई अपराध नहीं किया था कि उसके साथ खूंखार अपराधी जैसा व्यवहार किया जाता। सोनू मिश्रा मिशन मोदी एगेन का मीडिया प्रभारी है। वह भाजपा सोशल मीडिया सेल के संयोजक तुषार विजयवर्गीय के साथ कोकर से प्रोजेक्ट बिल्डिंग शिक्षा मंत्री से मिलने जा रहा था। वहां से उसे एयरपोर्ट जाना था। भाजपा सांसद सह प्रदेश महामंत्री सुनील सिंह दिल्ली से आ रहे थे। उन्हें रिसीव करना था। वह और भाजपा नेता तुषार विजयवर्गीय एक स्कूटी से जा रहे थे। सुजाता चौक पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। वे रुक गये। उनसे लाइसेंस मांगा गया। सोनू और तुषार ने कहा कि लाइसेंस घर पर छूट गया है। सर हम मंगवा देते हैं। सोनू रोड के बगल में स्कूटी खड़ा करके उस पर बैठा रहा और फोन करके लाइसेंस मंगवा रहा था। तुषार विजयवर्गीय थोड़ी दूर पर फोन पर किसी से बात कर रहा था। इतने में वहां डीएसपी रंजीत कुमार लकड़ा पहुंचे और सोनू को स्कूटी पर बैठा देख कर आग बबूला हो गये। उन्होंने उसकी कॉलर पकड़ी, खींच कर स्कूटी से उतारा और एक जोरदार घूंसा दे मारा। घूंसा दाहिनी आंख के ठीक आधा इंच नीचे लगा। सोनू तिलमिला गया।

    संभल कर बोला कि सर हमें क्यों मार रहे हैं। हमने तो कोई अपराध नहीं किया है। गलती हुई है, आप चालान काट दीजिए या फिर लाइसेंस हम मंगवा कर देते हैं। इतना सुनते ही डीएसपी, एएसआइ कमाल खान और संजय सिंह गुस्से से लाल हो गये। एएसआइ ने कहा कि तुम समझ रहे हो किससे जुबान लड़ा रहे हो। ये डीएसपी साहब हैं। तुम्हारी ये मजाल कि इनसे सवाल करोगे और फिर शुरू हो गयी उसकी पिटाई। उसे सड़क किनारे से सहायता केंद्र के कोने में ले जाया गया। वहां डीएसपी ने उसे दम भर पीटा। जब उसे पिटते देख लोग वहां जुटने लगे, तो वे उसे सहायता केंद्र के अंदर ले गये और वहां उसे पटक दिया। फिर उसकी पेट में एक जोरदार लात मारी। वह तिलमिला गया। डीएसपी लगातार उसे भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे और पीट रहे थे। दो ट्रैफिक पुलिस अफसर भी हाथ आजमा रहे थे। कह रहे थे- नेता बनते हो, घुसेड़ देंगे। एसटी-एससी का इतना न केस लादेंगे कि जिंदगी सड़ जायेगी।

    पीटने से जब उन लोगों का मन भर गया, तो डीएसपी वहां से चले गये। सोनू मिश्रा और तुषार विजयवर्गीय ने कई नेताओं को फोन किया। फिर वे दोनों चुटिया थाना गये। वहां डीएसपी और ट्रैफिक पुलिस अफसरों के खिलाफ सनहा दर्ज कराया। तब तक थाने में लगभग दो दर्जन भाजपा समर्थक और व्यवसायी एकत्र हो गये थे। रोहित शारदा, केके गुप्ता, सुरेंद्र नाथ, प्रभात विजय यादव, विकास सिंह, अरविंदर सिंह खुराना, राकेश शर्मा, परशुराम प्रसाद, रेणु तिर्की, शाहिद पवन, ऋषभ गक्कड़ ने सोनू मिश्र का हालचाल लिया। सनहा दर्ज कराने के बाद सोनू मिश्रा और तुषार विजयवर्गीय भाजपा कार्यालय पहुंचे और वहां संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह से मुलाकात की। उन्हें सारा वाकया बताया। उन्होंने उस समय नगर विकास मंत्री सीपी सिंह से बात करनी चाही, लेकिन सीपी सिंह जमशेदपुर गये थे। धर्मपाल सिंह ने कहा कि हम बात करते हैं। उसके बाद ये लोग रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता से मिले। उन्हें पूरा वाकया बताया। एसएसपी ने पूरी बात सुनी। उन्होंने कहा, हम देखते हैं। एसएसपी से मिलनेवालों में चैंबर के विनय अग्रवाल, अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया, प्रवीण जैन छाबड़ा, विकास विजयवर्गीय, राम बांगड़, सुजीत झा भी शामिल थे।

    गलती हो गयी है : डीएसपी
    इधर डीएसपी रंजीत कुमार लकड़ा अब कह रहे हैं कि गलती हो गयी है। मिस अंडरस्टैंडिंग हो गयी थी। मामले को ज्यादा तूल न दिया जाये। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब डीएसपी रैंक का अधिकारी वाहन चेकिंग में आपा खो देगा। बीच सड़क पर पटक-पटक कर मारेगा। लात-घूंसा चलायेगा, भद्दी-भद्दी गालियां देगा और आम जन को एसटीएससी केस में फंसाने की धमकी देगा, तो फिर आम जनता की रक्षा कौन करेगा।

    आखिर यह अधिकार उस डीएसपी को किसने दे दिया कि वह खुलेआम बीच चौराहे पर खुलेआम गुंडई करे। आपको बता दें कि ये वही डीएसपी हैं, जो कभी हाफ पैंट में सुबह सुबह मोरहाबादी पहुंच जाते हैं और वाहन चेकिंग करने लगते हैं। उन्हें इतना भी ज्ञान नहीं कि एक महत्वपूर्ण पद पर आसीन बैठे व्यक्ति को सार्वजनिक तरीके से हाफ पैंट पहन कर चेकिंग नहीं करनी है। वहां मां-बहनें भी टहलने जाती हैं। इसका क्या मतलब कि हाथ में डंडा और तन पर वर्दी आते ही पुलिस अधिकारी तानाशाह बन जायेगा। वह अपना कानून चलाने लगेगा।

    सुनने में आ रहा है कि सुजाता चौक पर तैनात दो एएसआइ संजय सिंह और कमाल खान को संस्पेंड कर दिया गया है। आखिर रांची पुलिस के वरीय अधिकारियों को यह सब दिखावा क्यों करना था। सस्पेंड तो डीएसपी को करना चाहिए था, जिसने बीच चौराहे पर खुलेआम गुंडई की और कानून को तोड़ा। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करके तो पुलिस खुद अपराध कर रही है। एक और सवाल। आखिर झारखंड सरकार लाखों लाख रुपये सीसीटीवी कैमरा में क्यों खर्च कर रही है, जब पुलिसकर्मी उसे आॅन ही नहीं रखते। कुछ दिनों पहले नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जब ट्रैफिक पुलिस को वसूली पुलिस बता दिया था, तो पुलिसकर्मियों को नागवार गुजरा था।

    आज जब एक डीएसपी अपने हाथ से कानून का गला घोंट रहा है, तो उसके खिलाफ बोलनेवाला कोई नहीं। आखिर इसका क्या संदेश है- पुलिस अधिकारी हैं तो कुछ भी करेंगे। झारखंड में यही देखने में आ रहा है। सीएम आवास के सामने जब अपराधियों ने हत्या कर दी, तो वहां भी ट्रैफिक एसआइ को ही सस्पेंड किया गया। इससे क्या फायदा। अगर डीएसपी होते, तो न्याय होता। यह आचरण रुकना ही चाहिए। अगर नहीं रुका, तो पुलिस पर से आम जनता का विश्वास रुक जायेगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleयोजनाओं का प्रचार करना हमारा काम, विपक्ष तो दुष्प्रचार करेगा ही: पीएम
    Next Article कांग्रेस की ताबूत में अंतिम कील होगा नेशनल हेराल्ड घोटाला: अनिल सिन्हा
    azad sipahi

      Related Posts

      झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल

      June 7, 2025

      पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास

      June 7, 2025

      गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा

      June 7, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version