नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का तीन दिवसीय मंथन शिविर सोमवार से दिल्ली में शुरू हो गया। इस कार्यक्रम में देशभर से जाने-माने लोग पहुंचे। यहां राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत अपने विचार रखें। सोमवार को उन्होंने देश, सियासत, ध्वज समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
कार्यक्रम में नेताओं-अभिनेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। पीपी चौधरी, राम माधव, नरेंद्र जाधव, अमर सिंह और ए सूर्यप्रकाश सोमवार को पहुंचे। इनके अलावा बॉलीवुड हस्तियों में एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, फिल्मकार मधुर भंडारकर, अनु मलिक, अन्नू कपूर और मनीषा कोइराला भी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, संघ के कार्यकर्ता बिना किसी प्रचार के अपना काम करते हैं। हालांकि उन्हें अलग-अलग माध्यमों से पब्लिसिटी मिलती है, जिसकी कभी आलोचना भी होती है। भागवत ने कहा, मुझे जैसी जानकारी है, उसी आधार पर अपना नजरिया पेश करने आया हूं। अब आप पर निर्भर करता है कि कैसे इसे देखते हैं। संघ जो कुछ भी करता है, वह खास होता है और तुलना से परे भी क्योंकि संघ की अपनी एक विशिष्ट पहचान है और यह लोगों के बीच ही प्रसिद्ध हुआ है।
कांग्रेस की भूमिका को सराहा
भागवत ने कहा, संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने के लिए संघ की स्थापना हुई.।सबसे बड़ी समस्या यहां का हिंदू है, अपने देश के पतन का आरंभ हमारे पतन से हुआ है। हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है इसकी घोषणा हेडगेवार ने की। भागवत ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा रोल निभाया और भारत को कई महान हस्तियां दी।
कांग्रेस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एक धारा का यह मानना था कि अपने देश में लोगों में राजनीतिक समझदारी कम है। सत्ता किसकी है, इसका महत्व क्या है, लोग कम जानते हैं और इसलिए लोगों को राजनीतिक रूप से जागृत करना चाहिए।भागवत ने कहा, ‘इसलिए कांग्रेस के रूप में बड़ा आंदोलन सारे देश में खड़ा हुआ।अनेक सर्वस्वत्यागी महापुरूष इस धारा में पैदा हुए जिनकी प्रेरणा आज भी हमारे जीवन को प्रेरणा देने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि इस धारा का स्वतंत्रता प्राप्ति में एक बड़ा योगदान रहा है.। सर संघचालक ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में योजनाएं कम नहीं बनीं, राजनीति के क्षेत्र में आरोप लगते रहते हैं, उसकी चर्चा नहीं करूंगा, लेकिन कुछ तो ईमानदारी से हुआ ही है। सरसंघचालक ने कहा कि देश का जीवन जैसे जैसे आगे बढ़ता है, तो राजनीति तो होगी ही और आज भी चल रही है। सारे देश की एक राजनीतिक धारा नहीं है,अनेक दल है, पार्टियां हैं।