लेह: लेह लद्दाख में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या से इलाके में पानी की समस्या बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है। लद्दाख इकॉलजिकल डिवेलपमेंट ग्रुप के मुताबिक लद्दाखी लोगों को सर्दियों में जहां रोज औसतन 10 लीटर पानी की जरूरत होती है वहीं गर्मियों में यह आंकड़ा 21 लीटर पहुंच जाता है जबकि पर्यटकों की बढ़ती संख्या के चलते पानी की खपत का अनुमान 75 लीटर रोज तक पहुंच रहा है।

इस समस्या को देखते हुए लद्दाख के द्रुपका वंश के अनुयायियों ने पानी को बचाने के लिए मुहिम चलाने की योजना बनाई है। द्रुपका वंश के अनुयायी लेह-लद्दाख के दूर दराज इलाकों में हजारों किलोमीटर की पद यात्रा करेंगे। लोगों को पानी बचाने और उसके सही उपयोग के लिए प्रेरित करेंगे। हिमालय रीजन के सबसे बड़े द्रुपका वंश के द्रुपका थिकसे रिनपोछे ने इसकी जानकारी दी। रिनपोछे हिमालय में आयोजित होने वाले महाकुंभ नरोपा फेस्टिवल के दौरान वहां पर मौजूद थे।

मठ को पूरे हुए 1002 साल
लद्दाख की 70 फीसदी आबादी द्रुपका वंश की अनुयायी है। 1002 साल पूरे होने पर लद्दाख की हेमिस मॉनेस्ट्री में नारोपा फेस्टिवल का आयोजन हुआ। इस आयोजन में दुनिया भर से द्रुपका वंश के अनुयायियों समेत हजारों लोगों ने शिरकत की। फेस्टिवल में नरोपा फेलोशिप की शुरुआत की गई। इस फेलोशिप के जरिए हिमालयन रीजन और दूर दराज के प्रदेशों समेत अन्य देशों के स्टूडेंट्स को हिमालयन विरासत के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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