रांची। राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार के घर में ही डेंगू के लार्वा मिले हैं। मलेरिया विभाग और नगर निगम टीम ने डॉ. मनोज के आवासीय कैंपस में 19 कंटेनरों की जांच की। इसमें दो कंटेनरों में डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर के लार्वा मिले। रिम्स के डॉक्टर्स काॅलोनी में डेंगू के मच्छर मिलने पर विभाग अचंभित है। विभाग ने यह भी आशंका जताई है कि अगर किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर यह परिसर में फैल सकता है। मलेरिया विभाग इस पर अपनी पूरी रिपोर्ट सोमवार को देगा।
30 जगहों पर डेंगू के मच्छर मिले
मलेरिया विभाग के अनुसार, रिम्स के आवासीय परिसर सहित हॉस्टल और अस्पताल परिसर में सर्विलांस कार्यक्रम चलाया गया है। डॉक्टर्स काॅलोनी के 30 घरों के अलावा हॉस्टल की जांच की। यहां 30 जगहों पर डेंगू के मच्छर मिले। 260 कंटेनरों (डिब्बों, गमले आदि) की जांच की। यहां 28 में डेंगू के लार्वा मिले। रिम्स परिसर में फेंके गए डिस्पोजेबल कप, टैरेस आदि पर ऐसे मच्छर की ब्रीडिंग हो रही है। जांच में पाया कि हॉस्टल और अस्पताल परिसर में कोई भी डस्टबिन नहीं लगी हुई है। यहां यूज किए गए सामान यहां-वहां फेंके गए हैं।
2 हजार से ज्यादा सैंपल की अब तक हो चुकी है जांच
राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हो रहा है। अब तक करीब 2 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच हो चुकी है। इसमें चिकनगुनिया के 570 और डेंगू के करीब 80 मरीजों की पहचान हो चुकी है। अभी भी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
दो दिनों में नहीं मिला कोई संदिग्ध मरीज
इधर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से शनिवार को भी राजधानी के बड़ा तालाब और मदरसा लेन में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इसमें 80 मरीजों की जांच की गई। हालांकि, चिकनगुनिया और डेंगू का कोई संदिग्ध मरीज नहीं मिला।