नयी दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने ऐसा बयान दिया है, जिससे इस पर सियासत गर्म हो सकती है। बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बसा रही हैं। श्री शर्मा ने कहा कि अब किसी भी रोहिंग्या का बाहर से भारत आना मुश्किल है, लेकिन जो रोहिंग्या पहले से हैं, उन्हें ममता सरकार शरण दे रही है। इसे बीएसएफ नहीं रोक सकती है। बीएसएफ के डीजी श्री शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि ममता सरकार इन रोहिंग्याओं के साथ मित्र जैसा व्यवहार कर रही है। उन्हें कैंप दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में तकरीबन 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान हैं। कुछ दिनों पहले रोहिंग्या के मुद्दे पर ममता बनर्जी ने कहा था कि उन्हें रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों में कोई आतंकी नहीं दिखता है।

पांच हजार परिवारों को बसाने की है योजना : रोहिंग्या शरणार्थियों की अस्थायी बस्ती बसाने में अग्रणी रहे एक संगठन देश बचाओ सामाजिक कमेटी के अध्यक्ष हुसैन गाजी कहते हैं कि संगठन गांव में पांच हजार रोहिंग्या परिवारों को बसाने की योजना बना रहा है। गाजी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेज कर ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने की दिशा में भी ठोस पहल करने की अपील की है। गाजी का दावा है कि बंगाल के विभिन्न इलाकों में फिलहाल चार हजार से ज्यादा रोहिंग्या रह रहे हैं। ऐसे कई लोग कागजात नहीं होने की वजह से जेल में हैं। संगठन का दावा है कि पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गयी है।

बस्ती में आठ अस्थायी घरों में 29 लोग रह रहे हैं : फिलहाल दक्षिण 24 परगना जिले में बसी एक बस्ती के आठ अस्थायी घरों में 11 बच्चों समेत 29 लोग रह रहे हैं। पहले कुछ दिनों तक तो स्थानीय लोगों ने विभिन्न संगठनों की सहायता से इनके खाने-पीने का इंतजाम किया था। अब ये लोग काम की तलाश में जुटे हैं। इन शरणार्थियों की सहायता करनेवाले संगठनों ने अब ऐसे लोगों को देश की नागरिकता देने की मांग उठायी है।

बांग्लादेश और दिल्ली से पहुंचे हैं ये शरणार्थी : सरकारी सूत्रों का कहना है कि इनमें से कुछ लोग बांग्लादेश के रास्ते राज्य में आये हैं, तो कुछ दिल्ली समेत देश के दूसरे शहरों से पहुंचे हैं। बारुईपुर के पुलिस अधीक्षक अरिजित सिन्हा कहते हैं कि पुलिस को रोहिंग्या शरणार्थियों की कॉलोनी के बारे में जानकारी है। उन सबके पास संयुक्त राष्ट्र का शरणार्थी कार्ड है। पुलिस ने राज्य सरकार को इसकी सूचना दे दी है। हुसैन गाजी कहते हैं कि संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर जल्दी ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर सरकारी सहायता की मांग करेगा। इलाके के संगठनों ने इन शरणार्थियों के बच्चों के मदरसों में पढ़ाई-लिखाई का भी इंतजाम कर दिया है। बीमारों के इलाज की भी व्यवस्था की गयी है। कुछ रोहिंग्या शरणार्थी दैनिक मजदूरों के तौर पर भी काम करने लगे हैं।

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