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    Home»Breaking News»झारखंड में एक बंद ऐसा, जहां नहीं हुई हिंसा
    Breaking News

    झारखंड में एक बंद ऐसा, जहां नहीं हुई हिंसा

    azad sipahiBy azad sipahiSeptember 10, 2018Updated:September 10, 2018No Comments3 Mins Read
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    रांची। बंद का खयाल आते ही आपके जेहन में तोड़फोड़, हिंसा और हंगामा की तसवीर सामने आ जाती है। लेकिन झारखंड का संभवत: यह पहला बंद था, जहां हिंसा नहीं हुई। वह भी तब, जब कांग्रेस द्वारा बुलाये गये बंद का समर्थन 21 दलों ने किया था। मुद्दा था-पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों का विरोध। हां, रांची, खूंटी, जमशेदपुर और धनबाद में बंद जरूर असरदार रहा। राज्यभर में 8784 बंद समर्थकों की गिरफ्तारी भी हुई और शाम को इन्हें रिहा भी कर दिया गया। विपक्षी नेताओं में डॉ अजय कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, प्रदीप यादव, आलमगीर आलम, अन्नपूर्णा देवी, सुखदेव भगत समेत तमाम नेता सड़क पर उतरे और गिरफ्तारी दी। बंद के दौरान परिवहन व्यवस्था पर असर पड़ा। रांची समेत दूसरे शहरों में बड़ी गाड़ियों का परिचालन नहीं किया गया। कई शहरों में काफी कम संख्या में आॅटो चले। कहीं दुकानें बंद, तो कहीं खुली रहीं। सड़कों पर लोगों की आवाजाही आम दिनों की तुलना में कम रही। भारत बंद को जहां झारखंड में विपक्ष ने सफल बताया है, वहीं भाजपा ने इसे फ्लॉप कहा है।

    जीटी रोड जाम, यात्रियों की बढ़ी परेशानी : कांग्रेस के नेतृत्व में आहूत 21 दलों के सात घंटे के भारत बंद को झारखंड में जनता का सीमित समर्थन मिला। हजारीबाग के बरकट्ठा में बंद समर्थकों ने जीटी रोड को घंटों जाम कर दिया। दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो को भी ठप कर दिया गया। इससे इस मार्ग से गुजरनेवाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

    पुलिस मुख्यालय रहा अलर्ट मोड में : रांची, खूंटी, जमशेदपुर, धनबाद में बंद ने छाप छोड़ी। वहीं कई जिलों में बंद पूरी तरह बेअसर रहा। हजारीबाग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कहा-सुनी भी हुई। वहीं, बोकारो और अन्य कई जिलों में बंद समर्थकों ने गिरफ्तारियां दीं। बंद को देखते हुए हर जिला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। राजधानी रांची में सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जा रही थी। पुलिस मुख्यालय भी राज्यभर से पल-पल की रिपोर्ट ले रहा था।

    बिहार में बंद ने ले ली बच्ची की जान : भारत बंद के दौरान बिहार के जहानाबाद में दो साल की बच्ची की अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही मौत हो गयी। बंद समर्थकों ने बच्ची को अस्पताल ले जा रहे आॅटो रिक्शा को रोक दिया और हंगामा करते रहे। बच्ची के पिता ने मौत की वजह बताते हुए कहा कि अगर समय रहते अस्पताल पहुंच जाते, तो बच्ची की जान बच सकती थी। इधर, बिहार में जगह-जगह हिंसा की खबर है। साथ ही बगहा के रामनगर में कांग्रेस के दो अलग-अलग गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये और दोनों पक्षों के बीच जम कर मारपीट हुई, जिसमें दो कार्यकर्ता घायल हो गये। घायल कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के आने के बाद भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ, तो आखिरकार पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी, तब जाकर दोनों गुट के कार्यकर्ता भागे।

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