रांची। तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले के सरकारी गवाह राम मोहन सिंह मुंडा उर्फ मोचो ने एनआईए कोर्ट को बताया कि विधायक की हत्या के लिए पूर्व मंत्री राजा पीटर ने कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को पांच करोड़ रुपए की सुपारी दी थी। तीन करोड़ रुपए का भुगतान पहले ही कर दिया गया था। शेष दो करोड़ रुपए हत्या के बाद दिए गए थे। राम मोहन सिंह मुंडा 8 जुलाई 2016 से जेल में बंद है। एनआईए ने उसे सरकारी गवाह बनाया है। पिछले दो दिन से उसकी गवाही चल रही है। बुधवार को भी उसकी गवाही जारी रहेगी।

अगली सुनवाई 26 सितंबर को
गवाही पूरी होने के बाद सरकारी अधिवक्ता राम मोहन सिंह मुंडा से क्रॉस एग्जामिनेशन करेंगे। इसके बाद अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। एनआईए के स्पेशल जज नवनीत कुमार की अदालत में मंगलवार को गवाही के दौरान कोर्ट रूम में सिर्फ एनआईए और बचाव पक्ष के वकील मौजूद थे। अन्य सभी वकीलों और आम लोगों को कोर्टरूम से बाहर कर दिया गया था। जेल में बंद राम मोहन सिंह मुंडा की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई।

सीआईडी ने आठ नक्सलियों पर दायर की थी चार्जशीट
पहले इस हत्याकांड की जांच सीआईडी कर रही थी। सीआईडी ने नक्सली कमांडर रहे कुंदन पाहन समेत आठ नक्सलियों पर चार्जशीट दायर की थी। कुंदन पाहन ने पिछले साल मई में सरकार की नक्सली सरेंडर पॉलिसी “नई दिशाएं’ के तहत सरेंडर कर दिया। इसी बीच आजसू विधायक विकास मुंडा ने अपने पिता रमेश मुंडा की हत्या की साजिश की जांच के लिए धरना शुरू किया। इसके बाद जांच एनआईए ने शुरू की और राजा पीटर की गिरफ्तारी हुई।

सरकारी बॉडीगार्ड ने बताया था लोकेशन
राम मोहन सिंह मुंडा ने कोर्ट को बताया कि रमेश सिंह मुंडा का सरकारी बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह खेरवार नक्सली कुंदन पाहन और बलराम साहू के लिए जासूसी का काम करता था। घटना वाले दिन भी शेषनाथ ने ही मुखिया की मुखबिरी की थी। इसके बाद नक्सली पहुंचे। बलराम साहू ने ही विधायक पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें उनकी मौत हो गई। इस मामले में 10 आरोपी जेल में हैं। ये हैं-कुंदन पाहन, राजा पीटर, बलराम साहू, शेषनाथ सिंह खेरवार, राधेश्याम बड़ाइक, राजेश संथाल, कृषि दांगिल, जय गणेश लोहरा, अमुष मुंडा और राम मोहन सिंह मुंडा। बाद में एनआईए ने राम मोहन सिंह मुंडा को सरकारी गवाह बना लिया था।

राममोहन ने पहले भी कहा था-पीटर ने रची थी साजिश
इससे पहले एनआईए ने जेल में बंद पूर्व नक्सली राममोहन सिंह मुंडा का धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया था। इसमें भी उसने कहा था कि रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की साजिश पीटर ने रची थी। विधायक की हत्या से पहले उसने राजा पीटर और इस वारदात में शामिल आरोपियों की बातचीत सुनी थी।

9 जुलाई 2008 को बुंडू के सरकारी स्कूल में हुई थी विधायक की हत्या
विधायक रमेश सिंह मुंडा तमाड़ से जदयू विधायक थे। बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में भी मंत्री रह चुके थे। 9 जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाईस्कूल में खेल समारोह में भाग लेने गए थे। वे समारोह को संबोधित कर रहे थे। तभी नक्सली स्कूल पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें विधायक की मौत हो गई। दो बॉडीगार्ड और एक युवक भी मारा गया। लेकिन तीसरे बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह बच गया। उसे खरोंच तक नहीं आई। इसे संयोग समझा गया। बाद में एनआईए ने पिछले साल 8 अक्टूबर को शेषनाथ सिंह को धनबाद से गिरफ्तार किया। और पहली बार खुलासा किया कि नक्सली गिरोह ने इसी की सूचना पर स्कूल आकर विधायक को गाेली मारी थी।

मुंडा से दो बार चुनाव हार चुके थे राजा पीटर
राजा पीटर कभी टाटा स्टील में छोटे-मोटे अफसर थे। जमशेदपुर में पत्नी की असामान्य मौत के बाद उसने नौकरी छोड़ दी। फिर तमाड़ में सक्रिय होकर चुनावी राजनीति में उतर आए। राजा पीटर दो बार रमेश सिंह मुंडा से चुनाव हार चुके थे। मुंडा की हत्या के बाद राजा पीटर दो बार तमाड़ से विधायक चुने गए। मुंडा की हत्या के बाद राजा पीटर तमाड़ से दो बार विधायक चुने गए।

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