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    Home»Top Story»मोर्चा की मांगों पर विचार करे सरकार
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    मोर्चा की मांगों पर विचार करे सरकार

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskSeptember 11, 2019No Comments2 Mins Read
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    रांची। झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल सुरेंद्र झा के नेतृत्व में मंगलवार को सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी से मिला और अपनी नौ सूत्री मांगों से अवगत कराया। मोर्चा की मांगें सुनने के बाद सीपी चौधरी ने सीएम को एक पत्र लिखा है और आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों की मांगों पर समुचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इससे पहले मोर्चा के सदस्यों आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से भी मुलाकात की थी। झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा अपनी मांगों को लेकर पांच सितंबर से अनशन पर है।
    1250 संस्थाएं कार्यरत हैं: वित्त रहित शिक्षा में राज्य में 1250 संस्थाएं कार्यरत हैं। इन संस्थानों से हर साल चार से पांच लाख बच्चे पढ़कर निकलते हैं। 20,000 लोग इन संस्थानों में कार्यरत हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 85 करोड़ का अनुदान सरकार की ओर से दिया गया था पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने केवल 35 करोड़ की राशि संस्थानों को दी। यह राशि नाकाफी थी। मोर्चा की मांग है कि वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने के लिए अविलंब उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाये। अनुदान की राशि सीधे शिक्षकों और कर्मचारियों के खाते में भेजी जाये। अनुदान अधिनियम और नियमावली के अनुसार दिया जाये। वहीं बार-बार स्कूल और कॉलेजों को जांच के नाम पर परेशान न किया जाये। संस्कृत और मदरसा शिक्षकों को नियमावली के अनुसार दोगुना अनुदान दिया जाये। मोर्चा की नौ सूत्री मांगें हैं।

    MP Chandraprakash Chaudhary wrote a letter to CM said
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