पंजाब की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पास कराए गए तीन कृषि बिलों के विरोध में आज त्याग-पत्र दे दिया।उन्होंने विधानसभा को लिखे एक पत्र में कहा है कि उन्हें केंद्र के इन बिलों से गहरी चोट लगी है। ये बिल पंजाब के खेती भाईचारे को समाप्त करने के प्रयास हैं, इसलिए वे विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं और किसानों के साथ उनके संघर्ष में शामिल होने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर 2016 में भी कांग्रेस के 42 विधायकों ने सतलुज लिंक नहर मामले को लेकर अपने-अपने इस्तीफे दे दिए थे। तब पंजाब में कांग्रेस विपक्ष में थी। अब कांग्रेस ने इन तीनों बिलों का विरोध किया है। उसका है कि तीन कृषि बिलों का मामला लिंक नहर से छोटा नहीं है। हालांकि अभी यह तय नहीं है, परन्तु कांग्रेस से संकेत मिले हैं कि पार्टी की पंजाब इकाई इस सन्दर्भ में शीघ्र एक बैठक कर कोई निर्णय ले सकती है।
विधायक कुलजीत सिंह नागरा के त्यागपत्र के बाद अन्य कांग्रेसी विधायकों द्वारा भी इस्तीफे देने के संकेत मिल रहे हैं। इधर अकाली नेताओं ने अब कांग्रेस पर प्रश्न करने शुरू कर दिए हैं। अकाली नेता दिलबाग सिंह विर्क की टिप्पणी थी कि कृषि बिलों के विरोध में हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद की क़ुरबानी दे दी है, अब पंजाब सरकार इस्तीफा देने में देरी क्यों कर रही है।