पटना। कभी अपने को छोटे भाई तेजस्वी यादव को कृष्ण बतानेवाले तेज प्रताप यादव शुक्रवार को खुद अर्जुन की भूमिका में नजर आये। मौका था कृषि बिल के विरोध में पटना की सड़कों पर प्रदर्शन करने का। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास से तेजस्वी के नेतृत्व में निकले जुलूस में सबसे आगे चल रहे ट्रैक्टर की ड्राइविंग सीट पर तेजस्वी खुद बैठे हुए थे। उनके हाथ धीरे-धीरे स्टेयरिंग को घुमा रहे थे। कृषि बिल के विरोध में नारे लगाते हुए राजद कार्यकर्ताओं और नेताओं का हुजूम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। कुछ दूर चलने के बाद ही तेजप्रताप ने जुलूस को ज्वाइन कर लिया। वह तत्काल उसी ट्रैक्टर की छत पर चढ़ बैठे जिसे तेजस्वी चला रहे थे। इसके बाद कार्यकर्ताओं में जैसे अलग तरह का उत्साह आ गया। तेजस्वी और तेजप्रताप जिंदाबाद के नारों से पूरा माहौल गूंज उठा। जैसे ही तेजप्रताप ट्रैक्टर की छत पर बैठे सारे कैमरों का फोकस उनकी ओर हो गया। वह ट्रैक्टर की छत पर एक अलग ही अंदाज में बैठे थे। उस अंदाज को देखकर उनके पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की याद ताजा हो गयी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि तेजप्रताप ऐसा करेंगे।
लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे तेज प्रताप
तेजप्रताप की इस हरकत पर आने-जाने वाले सभी लोगों की नजर उनकी ओर खिंच गयी। चूंकि समय आॅफिस जाने का था, इसलिए सड़क पर काफी संख्या में भीड़ दिख रही थी। सभी लोग अचानक अपनी जगह पर ठहर कर ट्रैक्टर पर उकड़ू बैठे तेजप्रताप को देखने लगे। लोगों को उम्मीद थी कि तेजप्रताप कुछ भाषण भी देंगे, लेकिन वे आगे बढ़ते गये।
अर्जुन बने तेजप्रताप ने धनुष की जगह कंधे पर रखी थी कुदाल
ट्रैक्टर पर सारथी कृष्ण बने तेजस्वी के हाथ में जहां रथ की रस्सी की जगह स्टेयरिंग थी वहीं, अर्जुन बने तेजप्रताप हाथ में गांडिव (धनुष) की जगह कुदाल थामे हुए थे। उन्होंने कुदाल को धनुष की तरह ही अपने कंधे पर रखा हुआ था।