Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, May 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»यूएई और दक्षिण कोरिया से 2.5 अरब डॉलर का सौदा रद्द
    Breaking News

    यूएई और दक्षिण कोरिया से 2.5 अरब डॉलर का सौदा रद्द

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 16, 2020No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
    केंद्र सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया से 2.5 अरब डॉलर से अधिक के दो हथियार आयात अनुबंधों को अंतिम चरण में रद्द कर दिया है। यानी अब यूएई से सीबीक्यू कार्बाइन और दक्षिण कोरिया से सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस गन मिसाइल सिस्टम नहीं खरीदा जायेगा। ​अब सेनाओं के लिए इन हथियारों का निर्माण भारत में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया जायेगा।​ भारत की नई पहल ‘आत्म निर्भर भारत’ को ध्यान में रखते हुए ​अब इस ​अनुबंध को ​ही ​समाप्त कर दिया गया है। 

    भारतीय सेना की जरूरतों को देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात से सीबीक्यू कार्बाइन और दक्षिण कोरिया से सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस गन मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए 2.5 अरब डॉलर से अधिक का सौदा तय किया गया था। ​यूएई ​की हथियार निर्माता​ कंपनी काराकल को सेना के लिए 93​,​895 क्लोज क्वार्टर कार्बाइन ​(सीबीक्यू​​) ​की आपूर्ति के लिए ​​2018 में शॉर्टलिस्ट किया गया था​​।​ रक्षा मंत्रालय ​के मुताबिक इस कंपनी ने फास्ट ट्रैक खरीद के लिए सबसे कम बोली लगा​ई थी​​। इसी तरह दक्षिण कोरिया की कंपनी हनवा को सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस गन मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। दोनों सौदे लगभग आखिरी चरण में थे लेकिन इसी बीच रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्म निर्भर भारत’ के तहत रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए हथियारों के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया। यानी अब सेनाओं के लिए हथियारों का निर्माण भारत में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया जायेगा। 
     
    इसी क्रम में रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2.5 अरब डॉलर से अधिक के दोनों आयात अनुबंधों को रद्द करने का निर्णय लिया गया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब इन कॉन्ट्रैक्ट्स को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रखा जाएगा। सेना को खरीदी जाने वाली कार्बाइन के एक चौथाई हिस्से की तत्काल जरूरत है, इसलिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाएगी। सेल्फ प्रोपेल्ड एयर डिफेंस गन मिसाइल सिस्टम के मामले में भारतीय सेना चाहती है कि बंदूकों की पांच रेजिमेंट हों, जिन्हें अग्रिम पंक्ति की सेनाओं के साथ तैनात किया जा सके। दरअसल इन सौदों पर रूस ने विरोध जताया था, क्योंकि उस निविदा प्रक्रिया में रूस को बाहर करके कोरियाई कंपनी को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
    ​दरअसल इन सौदों को हासिल करने के लिए रूस​ ने भी उन्नत तुंगुस्का एम 1 और पंटिसिर मिसाइल सिस्टम​-​104 सिस्टम के ​लिए बोली लगाई थी लेकिन इनकी गुणवत्ता ख़राब बताते हुए सेना ​के लायक नहीं बताया गया था​​​।​ इसके बाद रक्षा मंत्रालय में अधिग्रहण मामलों की निगरानी के लिए ​बनी समिति ने रूस से औपचारिक शिकायत ​की थी​।​ इस समिति ​ने ​अपनी जांच में ​​यह ​सौदा अनुचित​ पाया और सिफारिश की है कि रूसियों को ​अपना ​सिस्टम ​सही साबित करने का एक और मौका दिया जाए।​ समिति का मानना है कि ​पुन: परीक्षण का मौका ​दिए जाने से नई मिसाल कायम ​होगी।​
     
    यह सिफारिश अनुबंध की बातचीत में तेजी लाने के लिए थी​ लेकिन इस बीच रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्म निर्भर भारत’ के तहत रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए हथियारों के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया। यानी ​​अब सेनाओं के लिए हथियारों का निर्माण भारत में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया जायेगा।​ इसलिए नई योजनाओं को ध्यान में रखते हुए ​अब इस ​अनुबंध को ​ही ​समाप्त कर दिया गया है।
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleचीन ने अब डोकलाम और भूटान का किया रुख
    Next Article फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन के बंगले की सुरक्षा बढ़ाई गई
    sonu kumar

      Related Posts

      अमेरिका में जन्मजात नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, जून में फैसला संभव

      May 16, 2025

      मध्य पूर्व यात्रा ने ट्रंप को ‘बदलने’ पर मजबूर किया

      May 16, 2025

      काठमांडू में आज होगा तीन दिवसीय ‘सागरमाथा संवाद’ का आगाज

      May 16, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • मणिपुर में आठ उग्रवादी गिरफ्तार, हथियार और विस्फोटक बरामद
      • अमेरिका में जन्मजात नागरिकता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, जून में फैसला संभव
      • मध्य पूर्व यात्रा ने ट्रंप को ‘बदलने’ पर मजबूर किया
      • काठमांडू में आज होगा तीन दिवसीय ‘सागरमाथा संवाद’ का आगाज
      • अमेरिकी प्रशासन को ट्रंप-पुतिन मुलाकात जल्द होने की उम्मीद
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version