पंजाब (Punjab) के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और अपने साथ नियुक्त किए गए दो डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी (Om Prakash Soni) और सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) के साथ चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक स्पेशल चार्टर्ड प्लेन में दिल्ली (Delhi) के लिए रवाना हो गए हैं.
दिल्ली जाकर चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) और अन्य कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ कैबिनेट मंत्रियों के नामों पर मंथन करेंगे और उसके बाद शिमला में मौजूद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इन कैबिनेट मंत्रियों के नामों पर फाइनल मुहर लगवा कर वो वापस लौटेंगे. माना जा रहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी के वापस लौटने के बाद नए कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होगा और उनके विभाग तय किए जाएंगे.
नवजोत सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा आगामी चुनाव
वहीं, कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने एक प्रश्न के उत्तर में रविवार को कह दिया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) होंगे ना की चन्नी. हालांकि बाद में पार्टी को अपनी गलती का अहसास हुआ कि इस बयान से पार्टी की पोल खुल गई है.
चन्नी को सिर्फ दलित वोट जुटाने के लिए अस्थायी मुख्यमंत्री बनाया गया है और इससे पंजाब के दलित वोटर कांग्रेस पार्टी से नाराज हो सकते हैं, लिहाजा कांग्रेस पार्टी के ‘विद्वान’ और सुलझे हुए केंद्रीय नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जो राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता हैं, को सोमवार को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी.
मुख्यमंत्री पद के लिए दो दावेदार
सुरजेवाला ने स्थिति सुधारने के चक्कर में पार्टी को एक हास्यास्पद स्थिति में ला कर खड़ा कर दिया यह कह कर कि पार्टी मुख्यमंत्री चन्नी और प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. अभी तक तो यह ही देखा और सुना था कि या तो कोई भी पार्टी चुनाव के पूर्व किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करती है या फिर किसी एक नेता को प्रोजेक्ट किया जाता है, जैसे कि 2017 के चुनाव में अमरिंदर सिंह थे, पर अब पार्टी एक मुख्यमंत्री पद के लिए दो दावेदारों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.