पश्चिम बंगाल में भबनीपुर निर्वाचन क्षेत्र पर आगामी उपचुनाव को स्थगित करने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार निष्पक्ष चुनाव नहीं करा सकती है तो चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है।
भवानीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने घोष पर कथित तौर पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि चुनाव तब होना चाहिए, जब चुनाव आयोग भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों और मतदाताओं को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होगा। तब तक चुनाव रद्द रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ”चुनाव आयोग को हर चीज की जानकारी है। हमने उनसे दिल्ली और कोलकाता में कई बार शिकायत की है। इसके बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए।”
घोष ने कहा, “अगर हम मतदाताओं तक नहीं पहुंच सकते तो चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। लोग लगातार डर में जी रहे हैं। अगर किसी सांसद पर हमला हो रहा है तो मैं सोच भी नहीं सकता कि कोई आम आदमी वोट डालने आएगा। चुनाव रद्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि निष्पक्ष मतदान नहीं किया जा सकता है।”
सोमवार को, घोष ने आरोप लगाया कि भवानीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार करते समय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ गए भाजपा कार्यकर्ताओं में से एक को भी पीटा गया।
घोष ने कहा कि हमलावरों को रोकने के लिए उनके सुरक्षा अधिकारियों को अपनी बंदूकें निकालनी पड़ीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता अर्जुन सिंह को भी हमलावरों ने घेर लिया और उन्हें प्रचार स्थल को बीच में ही छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई ने कथित हमलों को लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखा है। पत्र में भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि भवानीपुर उपचुनाव के लिए उसकी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के साथ डीसीपी साउथ डिवीजन ने “छेड़छाड़” की। इस सीट पर 30 सितंबर को वोटिंग होगी।