राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने गुरुवार को पहली बार अयोध्या में राम मंदिर साइट की तस्वीरें प्रदर्शित की हैं। यहां निर्माण का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है। ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि समय सीमा के अंदर मंदिर का निर्माण पूरा होगा और मंदिर 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भक्तों के लिए खुल जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा “पहला चरण पूरा हो गया है। हम इस ठोस आधार के ऊपर पत्थरों से बनी एक और परत का निर्माण करेंगे, जो कर्नाटक के ग्रेनाइट और मिर्जापुर के बलुआ पत्थर से बनी होगी।
इस मंदिर का निर्माण पिछले साल 5 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आधारशिला रखने के साथ शुरू हुआ था। इसके दिसंबर 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। निर्माण के प्रभारी एक अधिकारी ने कहा कि मंदिर परिसर के भीतर 10 एकड़ से अधिक जमीन पर बनने वाले तीन मंजिला मंदिर की मजबूत नीव के लिए खुदाई के बाद कंक्रीट की 47 परतें भर दी गईं हैं।
नवंबर के पहले सप्ताह तक रखी जाएगी नीव
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर की नींव का निर्माण जोरों पर है और अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर के आखिरी खाके के अनुसार राम जन्मभूमि परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं के छह मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। देवताओं में भगवान सूर्य, भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान दुर्गा, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नींव का निर्माण होने के बाद राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर के बेस (प्लिंथ) का निर्माण अक्टूबर के अंत से या नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। मिश्रा ने कहा कि भव्य मंदिर की संरचना में पत्थरों की स्थापना के लिए चार अलग-अलग स्थानों पर चार टावर क्रेन लगाए जाएंगे।
नीव में चार और परतें बना रहा है ट्रस्ट
1,20,000 वर्ग फीट और 50 फीट गहरे खुदाई वाले नींव क्षेत्र का काम अक्टूबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अब मंदिर ट्रस्ट ने नींव को समुद्र तल से 107 मीटर ऊपर लाने के लिए नींव क्षेत्र पर चार अतिरिक्त परतें बनाने का फैसला किया है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि पहले जिस नींव में 44 परतों में इंजीनियर भराव सामग्री का उपयोग किया जाना था, उसे बढ़ाकर अब 48 परतों का कर दिया गया है।