भूूख से मौत पर सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने की टिप्पणी
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने एक मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने कहा कि अभी भी लोग आदिम युग में जी रहे हैं, राशन के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। यह झालसा की रिपोर्ट है। सिर्फ कागज में योजनाएं होने से विकास हो रहा है यह जरूरी नहीं है। विकास का नहीं पहुंचना अपराध को जन्म देता है।
योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा
कोर्ट ने कहा कि हम जंगल से खनिज निकाल रहे हैं। लेकिन वहां रहने वाले लोगों के लिए क्या कर रहे हैं यह सोचने की बात है। झारखंड मैं कई ऐसे इलाके हैं जहां राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। सुदूरवर्ती इलाकों में लोग जंगल की लकड़ियां बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, यह शर्म की बात है। बीडीओ-सीओ क्या कर रहे हैं?
सचिव को उपस्थित रहने का निर्देश
अगली सुनवाई के दौरान समाज कल्याण विभाग के सचिव को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जायेगी। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार एवं पूर्व अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन अमेकस क्यूरी के रूप में अदालत में उपस्थित हुए।