आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड की पांचवीं विधानसभा का छठा सत्र शुक्रवार तीन सितंबर को शुरू होगा। नौ सितंबर तक चलनेवाले सत्र के दौरान सदन की पांच बैठकें होंगी। इस दौरान कई मुद्दों पर सदन के गरमाने के आसार हैं। सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस ने विधायकों की बैठक में सत्र के दौरान अपनायी जानेवाली रणनीति तैयार की, जबकि भाजपा विधायक दल की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति बनायी गयी। सदन में सोमवार को 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होगा, जिसमें विधायक मुख्यमंत्री से सीधे नीतिगत सवाल करेंगे। सत्र में चालू वित्तीय वर्ष का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया जायेगा। इसके अलावा कई विधेयकों को भी सदन में रखा जायेगा। छह सितंबर को सदन में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक बजट पेश करेंगे। सात सितंबर को बजट पर वाद-विवाद और मतदान होगा।
रोजगार, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे उठेंगे
विधानसभा के मानसून सत्र में कई मुद्दों पर गरमा-गरम चर्चा होने की उम्मीद है। विपक्ष ने जहां रोजगार, शराब, कानून-व्यवस्था और राजभाषा जैसे मामलों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है, वहीं सत्ता पक्ष ने इसका जोरदार जवाब देने की रणनीति बनायी है।
दोनों पक्षों ने कसी कमर
सदन में सरकार को घेरने को लेकर जहां विपक्ष पूरी तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के प्रहार का जवाब देने के लिए कमर कस ली है। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सदन में विधायकों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि सदन में नियमत: जो भी सवाल आयेंगे, सरकार उसका जवाब देगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनहित में मानसून सत्र काफी उपयोगी होगा।
उधर विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब से झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी है, आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है। राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट है। रोजगार देने के वादे के साथ सत्ता में आयी पार्टियां अब तक एक को भी रोजगार नहीं दे सकी है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है, लेकिन उर्दू को राजभाषा का दर्जा दे दिया गया। इन सभी बिंदुओं पर विपक्ष सरकार से जवाब मांगेगा।
आठ आइपीएस देंगे जानकारी
सत्र के दौरान पुलिस विभाग से संबंधित मामलों की जानकारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से आठ आइपीएस नियुक्त किये गये हैं। सभी आइपीएस रोस्टर के आधार पर सत्र के दौरान अलग-अलग दिन अलग-अलग पाली में उपस्थित रहेंगे। इनमें अनूप बिरथरे, प्रभात कुमार, अखिलेश कुमार झा, ए विजयालक्ष्मी, अमोल वेणुकांत होमकर, सुनील भास्कर, राजीव रंजन सिंह और प्रिया दुबे शामिल हैं। (पेज 3 भी देखें)
सर्वदलीय बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई
सत्र के सफल संचालन को लेकर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने विधायक दल के नेताओं के साथ-साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. विधायक दल के नेताओं की बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई। बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को आमंत्रित नहीं कर भाजपा की तरफ से पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण को आमंत्रित किया गया। इसी बात को लेकर भाजपा नाराज है और उसने बैठक का बहिष्कार किया। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री हेमत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विधायक सरयू राय, सुदेश कुमार महतो तथा विनोद सिंह शामिल हुए।
झामुमो-कांग्रेस विधायक दल की बैठक
गुरुवार को कांग्रेस और झामुमो विधायकों की पहले अलग-अलग बैठक हुई। देर शाम सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक हुई, जिसमें सत्र के दौरान अपनायी जानेवाली रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी कैबिनेट के सभी सहयोगी और सत्ता पक्ष के सभी विधायक शामिल हुए।
भाजपा विधायक दल ने बनायी रणनीति
विपक्षी भाजपा ने विधायक दल की बैठक कर सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की। बैठक में भाजपा के सभी विधायक शामिल हुए।