आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट के नये ट्रस्टियों के नाम की घोषणा बुधवार को हुई। इसमें रतन टाटा, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस केटी थॉमस, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गृहमंत्री अमित शाह को ट्रस्टी बनाया गया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी की बैठक के एक दिन बाद हुई।
सलाहकार बोर्ड में भी मशहूर हस्तियां:
ट्रस्टियों के बाद पीएम केयर्स फंड में सलाहकार बोर्ड भी बनाया गया। जिसमें कई मशहूर शख्सियतों को शामिल किया गया। इनमें भारत के पूर्व सीएजी राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति, टीच फॉर इंडिया के सह-संस्थापक व इंडिकॉर्प्स और पीरामल फाउंडेशन के पूर्व सीइओ आनंद शाह शामिल हैं।
2020 में हुई थी शुरूआत:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पीएम केयर्स फंड की शुरूआत 28 मार्च 2020 में हुई थी। इस फंड के जरिए सरकार का मकसद कोविड-19 जैसी आपातकालीन और संकट की स्थिति में राहत मुहैया कराना है। यह फंड पूरी तरह से लोगों या संगठनों की तरफ से मिलने वाले ऐच्छिक सहयोग से काम करता है। प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष हैं और इसमें दिये जाने वाली हर रकम आयकर से पूरी तरह मुक्त है। ट्रस्टियों ने फंड में मिले योगदान को एक्सेप्ट किया। जिसमें 4,345 बच्चों को सपोर्ट देने वाली पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना भी शामिल है। केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 के बीच पीएम केयर्स फंड के तहत कुल 7,031.99 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे। वर्तमान में इस फंड का कुल बैलेंस 10990.17 करोड़ रुपये है।
लीगल स्टेटस पर दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका:
जुलाई 2022 में दिल्ली हाइकोर्ट ने सम्यक गंगवाल की याचिका पर केंद्र से जवाब दाखिल करने कहा था, जिसमें पीएम केयर्स फंड का स्टेटस घोषित करने की मांग की गयी थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने 16 सितंबर को संविधान और सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड के लीगल स्टेटस पर जानकारी मांगी गयी है।