आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को दिल्ली हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाइकोर्ट ने सोरेन के खिलाफ लोकपाल में चल रही सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। सोरेन से जुड़े आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सोमवार को लोकपाल में सुनवाई होनी थी। सुनवाई से पहले दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा उस पर रोक लगा दी गयी। दिल्ली हाइकोर्ट में सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अरुणाभ चौधरी और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने पक्ष रखा। अब इस मामले में दिल्ली हाइकोर्ट 13 दिसंबर को सुनवाई करेगा। सोमवार को इसकी सुनवाई दिल्ली हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा की अदालत में हुई।
सीबीआइ की प्रारंभिक जांच की कार्रवाई और आदेश को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट की वकील प्रज्ञा सिंह बघेल के मुताबिक दिल्ली उच्च न्यायालय ने झामुमो के राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की याचिका पर नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख तक आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके खिलाफ लोकपाल के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी है। सोरेन ने अधिकार क्षेत्र के आधार पर सीबीआइ को प्रारंभिक जांच की कार्रवाई और आदेश को चुनौती दी है।
5 अगस्त, 2020 को सोरेन के खिलाफ दर्ज की गयी थी शिकायत
सोरेन के खिलाफ 5 अगस्त, 2020 को शिकायत दर्ज की गयी थी कि वह और उनके परिवार के सदस्य बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उन्होंने झारखंड राज्य में सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके, ‘आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों और उनके नाम पर कई वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां’ के अनुपात में बड़ी संपत्ति अर्जित की है।
लोकपाल की पूर्ण पीठ ने 15 सितंबर, 2020 को सीबीआइ को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया। सीबीआइ ने 1 जुलाई को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों के नाम की संपत्तियों का विवरण भी संलग्न था।
29 जुलाई को लोकपाल की पूर्ण पीठ ने पारित किया था फैसला
सीबीआइ की रिपोर्ट के आलोक में भारत के लोकपाल की पूर्ण पीठ ने 29 जुलाई, 2021 को आदेश पारित किया कि प्रतिवादियों से टिप्पणियां/दस्तावेज मांगे जाने चाहिए। लोकपाल ने अपने आदेश में कहा है कि उसने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कई मौकों पर शिबू सोरेन को समय दिया और आवश्यक दस्तावेज भी प्रदान किये गये। अंतत: इस साल 4 अप्रैल को जवाब दाखिल किया गया। लोकपाल ने सीबीआइ को जवाब की जांच करने और जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इस बीच राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के सक्षम अधिकारी से टिप्पणियां मांगी गयीं। राज्यसभा सचिवालय के अतिरिक्त निदेशक ने सूचित किया कि शिकायत में लगाये गये आरोपों पर राज्यसभा के सभापति के पास कोई टिप्पणी नहीं है। सीबीआइ ने 29 जून, 2022 को अंतिम प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दायर की, जिसे लोकपाल ने काफी विस्तृत पाया।