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    Home»देश»कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 7 सितंबर को भी जारी रहेगी सुनवाई
    देश

    कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 7 सितंबर को भी जारी रहेगी सुनवाई

    azad sipahiBy azad sipahiSeptember 5, 2022No Comments4 Mins Read
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    • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पगड़ी की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक हिजाब मामले पर 7 सितंबर को भी सुनवाई जारी रखेगा। जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने आज जब पगड़ी का हवाला दिया तो कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि पगड़ी की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती।

    जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि पगड़ी सिर्फ धार्मिक पोशाक नहीं है। मेरे दादा वकालत करते हुए इसे पहना करते थे। तो पगड़ी को सिर्फ धर्म से नहीं जोड़िए। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं। इससे इतर सवाल ये है कि संविधान के मुताबिक भारत एक सेकुलर देश है। क्या ऐसे देश में सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने का अधिकार मांगा जा सकता है। ये बहस का विषय है।

    जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि एक बार एक महिला सुप्रीम कोर्ट में जींस पहनकर पेश हुई। उन्हें रोक दिया गया वर्ना वो भी दलील दे सकती थी कि उसे वो पहनने का हक है, जो वो पहनना चाहती है। तब याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सवाल ये है कि क्या सिर्फ उनके कपड़ों के चलते उन्हें कोर्ट का रुख करने से रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां तक कि गोल्फ कोर्स में भी ड्रेस कोड है। तब हेगड़े ने कहा कि पर वो एक प्राइवेट पार्टी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोल्फ कोर्स कोई प्राइवेट पार्टी नहीं है। यहां तक कि रेस्टोरेंट तक में ये नियम हो सकता है कि वहां शॉर्ट्स पहनने की इजाजत नहीं होगी।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि यहां सवाल शिक्षा के अधिकार से जुड़ा है। सवाल ये है कि क्या सिर्फ विशेष पोशाक के चलते किसी को पढ़ने से रोका जा सकता है। शिक्षा के लिए हम सब टैक्स अदा करते हैं। तब कोर्ट ने कहा कि सॉरी, सिर्फ 4% लोग टैक्स अदा करते हैं। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि धर्म के नाम पर शिक्षा संस्थान का अनुशासन तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    कर्नाटक के एडवोकेट जनरल ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी तरफ से हिजाब पर रोक का आदेश नहीं दिया। संस्थानों से कहा कि वह अपना यूनिफॉर्म कोड बनाएं। कर्नाटक के एडवोकेट जनरल ने कहा कि अगर स्कूल-कॉलेज ने हिजाब पर रोक लगाई है तो उसका पालन होना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि यानी अल्पसंख्यक संस्थान हिजाब की अनुमति दे सकते हैं। इस पर एडवोकेट जनरल ने कहा कि बिल्कुल। शायद कुछ ने हिजाब की अनुमति दी भी हो। मुझे ठीक से पता नहीं। 29 अगस्त को कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था।

    कर्नाटक की दो छात्राओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हिंदू सेना के नेता सुरजीत यादव ने भी कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट के फैसले पर रोक का एकतरफा आदेश न देने की मांग की है। 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकार के निर्णय को बरकरार रखा। हाई कोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

    हिजाब मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उलेमाओं की संस्था समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी याचिका दाखिल की है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या है। मुस्लिम लड़कियों के लिए परिवार के बाहर सिर और गले को ढक कर रखना अनिवार्य है।

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