रांची। आज पूरा राज्य आज के विशेष सत्र को देख-सुन रहा है। लोगों के मन में सवाल भी है कि आज का यह सत्र क्यों बुलाया गया है। हमें सूचना दी गयी है कि सत्र में सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। एक बहुमत वाली सरकार को अचानक विश्वास मत प्राप्त करना किसी प्रक्रिया के तहत है नहीं। विपक्ष ने कभी भी उनसे नहीं कहा कि आप विश्वासमत प्राप्त करें। मुझे लग रहा है कि इन्होंने अपने लोगों का विश्वास प्राप्त करने के लिए आज का दिन निर्धारित किया है। सदस्यों की संख्या से तो दिखता है कि संख्या बल उनके पास है। लेकिन उनके चेहरे पर आत्मविश्वास नहीं है। जब आप लोग जीत कर आये थे तो आपके चेहरे पर आत्म् विश्वास था। आज आप सभी के चेहरे पर से आत्मविश्वास गायब है। आप लोगों का चेहरा मुरझाया हुआ है। जबकि आज सदन में झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू का विचार सुन कर मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया। यहां की जनता यह चाहती है कि स्थानीयता का निर्धारण हो। सुदिव्य सोनू ने जब कहा कि हम 1932 का खतियान लागू करेंगे, तो मेरा विश्वास और बढ़ा। हम तो शुरू से ही कहते रहे हैं कि राज्य में स्थानीय नीति का निर्धारण होना चाहिए। राज्य में ओसीबी का आरक्षण 27 प्रतिशत होना चाहिए। आप करिये न, कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि हमें समझ में नहीं आ रहा है कि जब अपनी सरकार हो, तो अपने राज्य से बाहर जाकर विश्वास क्यों जताया जा रहा है। सरकार आपकी, पुलिस प्रशासन आपका, फिर आप भागे-भागे क्यों फिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वास मत की जगह अगर आज राज्य की कानून व्यवस्था पर बात होती, तो अच्छा होता। नियोजन नीति पर बात होती, तो अच्छा होता। इन सभी एजेंडे पर अगर प्रस्ताव लेकर आते तो अच्छा होता। यह कितनी विडंबना है कि सत्ता पक्ष के सदस्यों को विधानसभा के अंदर भी बैक डोर से लाया गया। यह प्रक्रिया का टूटन है। अगर आपमें राज्य के प्रति कमिटमेंट है, तो तैयारी के साथ आइये। झारखंड के ज्वलंत मुद्दे पर सरकार प्रस्ताव लेकर आये।

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