आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (आइएएफ) के लिए 12 सुखोई-30 एमकेआइ की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा भारत में निर्मित किया जायेगा। रक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 11,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विमान और संबंधित ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे। विमान में आवश्यकता के अनुसार 60 स्वदेशी से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी। उन्होंने बताया कि ये भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिक सुखोई-30 एमकेआइ विमान होंगे, जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे।
इसलिए खास है एसयू-30 एमकेआइ
एसयू-30 एमकेआइ भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर विमान माना जाता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय एसयू-30 एमकेआइ हैं। इस विमान में दो इंजन हैं और दो चालकों के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है।
सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है, जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज गति के लिए जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।
डीएसी ने भारतीय वायु सेना के प्रस्तावों के लिए आवश्यकता स्वीकृति भी प्रदान की है, जिसमें संचालन के लिए सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए डोर्नियर विमान का एवियोनिक उन्नयन (अपग्रेडेशन) शामिल है। स्वदेशी रूप से निर्मित एएलएच एमके-4 हेलीकॉप्टरों के लिए एक शक्तिशाली स्वदेशी सटीक निर्देशित हथियार के रूप में ध्रुवास्त्र शॉर्ट रेंज एयर-टू-सरफेस मिसाइल की खरीद को डीएसी द्वारा मंजूरी दे दी गयी है।
नौसेना के लिए जहाजों की खरीद को भी मंजूरी
मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी है, जो हाइड्रोग्राफिक संचालन करने में इसकी क्षमताओं को काफी बढ़ायेगा।