रांची। कोयला मंत्रालय (एमओसी), एनटीपीसी और एनएमएल ने बादाम, तलाईपल्ली, चट्टी बरियातु और चट्टी बरियातु (दक्षिण), केरंडारी और दुलंगा कोयला खदानों के लिए पालन विलेख (डीओए) पर हस्ताक्षर किए। इससे एनएमएल को खदानों के हस्तांतरण का रास्ता साफ हो गया।

हस्ताक्षर कोयला मंत्रालय में नामित प्राधिकारी एम. नागराजू, अतिरिक्त सचिव शिवम श्रीवास्तव, निदेशक (ईंधन) एनटीपीसी और अध्यक्ष, एनएमएल और एमओसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ। डीओए पर कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकारी और अतिरिक्त सचिव एम. नागराजू, एनएमएल के सीईओ अनिमेष जैन और एनटीपीसी कोयला खनन के टीके कोनार जीएम (टीएस) ने हस्ताक्षर किए। नागराजू ने एनएमएल को उनके खनन कार्यों के लिए सफलता की शुभकामनाएं दीं। सीईओ, एनएमएल ने सभी समर्थन के लिए मंत्रालय को धन्यवाद दिया और कोयला उत्पादन में शीघ्र वृद्धि का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि एनएमएल ,एनटीपीसी लिमिटेड की 100 प्रतिशत पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। वर्तमान में एनटीपीसी 87 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) की चरम दर क्षमता के साथ आठ कोयला खदानों यानी पकरी-बरवाडीह, दुलंगा, तलाईपल्ली, चट्टी-बरियातु, केरंडारी, बादाम, बनहारडीह और उत्तरी धादु (पूर्व) का विकास कर रहा है।

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