-राष्ट्रपति भवन में कार्यक्रम 9 सितंबर को होना है
आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच जी20 बैठक होने जा रही है। इस बैठक के रात्रिभोज में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक निमंत्रण कार्ड भेजा गया है। कार्ड पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है। उन्होंने लिखा कि ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 डिनर के लिए जो निमंत्रण भेजा है, उस पर प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान में अनुच्छेद 1 के मुताबिक, इंडिया जिसे भारत कहते हैं वह राज्यों का एक संघ होगा, लेकिन अब इस राज्यों के संघ पर भी हमला हो रहा है। उधर, जयराम रमेश के ट्वीट के आधे घंटे के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि रिपब्लिक ऑफ़ भारत, खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारी सभ्यता अमृत काल की ओर तेजी से बढ़ रही है।
सोशल मीडिया पर जी-20 निमंत्रण की तस्वीर वायरल
इस बीच सोशल मीडिया पर जी-20 के निमंत्रण से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें अशोक स्तंभ के नीचे ही प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया है। निमंत्रण जी-20 सम्मेलन के पहले दिन के रात्रि भोज यानी 9 सितंबर के लिए है। हालांकि, इस तस्वीर की पुष्टि नहीं की जा सकी है।
कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना:
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि वैसे तो इंडिया को भारत बुलाने पर कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है। यह देश के दो नामों में से एक है। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार इतनी बेवकूफ नहीं होगी कि इंडिया नाम को पूरी तरह से हटा दे, जिसकी सदियों में बनी एक ब्रांड वैल्यू है। हमें दोनों ही नामों का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए। एक नाम जो पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। उधर, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने संविधान में संशोधन कर इंडिया का नाम बदलने की अटकलों पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, इंडिया शब्द से यह सहम गये हैं। क्या वे इस हद तक चले जायेंगे कि संविधान बदल देंगे? संविधान में लिखा है, ‘इंडिया दैट इज भारत’। भाजपा के अंदर का डर मोदी जी का भय दिखाता है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमारे संविधान के आर्टिकल 1 में साफ तौर पर लिखा गया है कि हमारा नाम इंडिया भी होगा और भारत भी। मोदी जी और संघ के लोग लगातार हमारे संविधान के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं।