नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत की तकनीकी क्षमताओं के साथ-साथ आर्थिक ताकत को भी प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक प्रौद्योगिकी के संयोजन को एक संस्था के रूप में स्थापित किया है। हमारे पास पारंपरिक ज्ञान पुस्तकालय था, जिसे अब टीकेडीएल (ट्रेडिशन अंडर प्राइमल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी) के नाम से जाना जाता है।

सोमवार को सीएसआईआर–नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), के ‘वन वीक वन लैब’ (ओडब्ल्यूओएल) कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत मंडपम के साथ नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा निर्मित कुछ नवीनतम स्मारक में पारंपरिक विरासत के साथ नवीनतम वैज्ञानिक कौशल, प्रौद्योगिकी और वास्तुकला के संयोजन को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘वन वीक वन लैब’ (ओडब्ल्यूओएल) कार्यक्रम की सफलता के बाद विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के प्रयासों को एकीकृत करने की दिशा में ‘वन मंथ वन थीम’ कार्यक्रम भी किया जाना चाहिए। सीएसआईआर प्रयोगशालाएं 10 सफलता की कहानियां प्रचारित की जा सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में अपनाए गए नई दिल्ली घोषणापत्र ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में भारत की ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट मिशन’ (एलआईएफई) की पहल को लागू करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया। ‘हरित विकास संधि’ को अपनाकर, जी-20 ने सतत और हरित विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं की भी पुष्टि की है।

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