रांची। पूरे देश में रविवार को 70 स्थानों पर पीएम विश्वकर्मा योजना लांच होगा। साथ ही रांची और पूर्वी सिंहभूम में भी यह योजना को लॉन्च किया जाएगा। इससे लेकर कारीगर और विश्वकर्मा समाज में उत्साह का माहौल बना हुआ है। केंद्र सरकार की इस योजना से राज मिस्त्री, लोहार, धोबी, कुम्हार, फूलों का काम करने वाले, ताला चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार, मछली का जाल बुनने वाले आदि को लाभ मिलेगा।

इस योजना की शुरुआत कारीगरों और श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए ही किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को सशक्त बनाना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और कल्याण सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस योजना के लागू होने के बाद देशभर में स्वरोजगार में वृद्धि होगी।

क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
पीएम विश्वकर्मा योजना को पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना और पीएम वीआईकेएएस के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत देश के शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल होनी चाहिए। इसके लिए परिवार के एक ही सदस्य इस योजना का लाभ आवेदन करने वालों को स्वघोषणा पत्र भी देना होगा। इस योजना का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया था।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर कोलेटरल फ्री कारोबार विकास लोन के अलावा, ईआरयूपीआई या ई-वाइचर के द्वारा टूसकिट, प्रोत्साहन के तौर पर 15 हजार रुपये दिए जाएंगे।इस योजना के दो चरण हैं। पहले चरण में एक लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। इस पर ब्याज की दर अधिकतम पांच प्रतिशत होगी। दूसरे चरण में योग्य श्रमिकों को दो लाख रुपये का रियायती कर्ज दिया जाएगा।

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