रांची। विश्वकर्मा पूजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की। दिल्ली समेत देश के 70 जगहों पर एक साथ लॉन्चिंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें से एक रांची भी थी। रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह योजना आनेवाले समय में देश के करोड़ों शिल्पकारों और कारीगरों के लिए वरदान साबित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले शिल्पकार और कारीगर इस योजना से लाभान्वित होंगे। श्री मुंडा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के पहले निमार्ता और वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। इसलिए पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को लाभ पहुंचाने के लिए पीएम ने विश्वकर्मा पूजा के दिन ही इस योजना की शुरूआत की है। पीएम विश्वकर्मा योजना से भारत की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि योजना का लाभ झारखंड के काफी कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेगा और हुनरमंद शिल्पकारों के आर्थिक हालात सुधरेंगे। यह योजना झारखंड के स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाये रखने के लिए लाभदायक होगी। इस योजना में 18 तरीके के पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। जो लोग पूंजी और कौशल के अभाव में रोजगार की शुरूआत नहीं कर पा रहे थे, उनके लिए यह बहुत बड़ा अवसर है। इसके लिए 13,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति को सामर्थ्यवान बनाना है।
कार्यक्रमों की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जायेगी
अर्जुन मुंडा में कहा कि इस योजना के तहत आर्थिक लाभ के साथ-साथ कार्यक्रमों की स्पेशल ट्रेनिंग और टूल किट दिये जायेंगे, जिसके माध्यम से कारीगर अपने हुनर को निखार पायेंगे। कार्यक्रम में झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद संजय सेठ, दीपक प्रकाश, विष्णु दयाल राम, सुनील सिंह, सुदर्शन भगत, आदित्य साहू, समीर उरांव, विधायक सीपी सिंह और समरी लाल के अलावा रांची के कई शिल्पकार और योजना के लाभुक मौजूद रहे।