राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात की ई-विधानसभा की शुरुआत करते हुए बुधवार को अपने संबोधन में इसे गुजरात का उत्कृष्ट कदम बताते हुए कहा कि यह असेंबली डिजिटल हाउस में तब्दील हो जाएगी। एप्लिकेशन की मदद से यह देश की अन्य विधानसभा और विधान परिषदों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण होगा और वे भी इसे अपना सकते हैं। यह प्रगतिशील परिवर्तन है। उन्होंने ई-विधानसभा का महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार को बधाई दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात विधानसभा में ई-असेंबली का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी और संसदीय मंत्री रुशिकेश पटेल विधानसभा डेस्क पर मौजूद थे। गुजरात विधानसभा के डिजिटल हो जाने से विधानसभा में इस्तेमाल होने वाले 25 टन कागज की बचत होगी। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल भी मौजूद थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात में ई-विधानमंडल का उद्घाटन करते हुए कहा कि ई-विधानमंडल के फैसले से गुजरात की प्रगति और विकास से लोगों को फायदा होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात का भविष्य उज्ज्वल है, सबसे खास बात यह है कि गुजरात ने हमेशा अपना भविष्य भारत और भारतीयों के भविष्य के साथ देखा है। उन्होंने प्रदेश के प्रसिद्ध कवि उमा शंकर जोशी की पंक्ति ‘हूं गुर्जर भारतवासी, झांखो पल पल साहूजन मंगल मन मारु उल्लासी..’ का भी जिक्र किया और कहा कि यह कविता गुजरात की आत्मा की पुकार है। गुजरात की स्थापना के बाद विधानसभा में देखे गए उतार-चढ़ाव के बारे में बात करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस सदन ने हमेशा समाज के हित के लिए काम किया है।

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