-मंगलवार के सूर्योदय से पूर्व हटाए जाएंगे विवादित भित्ति चित्र
-स्वामीनारायण सम्प्रदाय की पुस्तकों के विवादित कथन पर संत समिति बनी
अहमदाबाद। बोटाद जिले के सारंगपुर स्थित कष्टभंजन हनुमान मंदिर के प्रांगण के किंग ऑफ सारंगपुर प्रतिमा के फाउंडेशन पर हनुमानजी के विवादित चित्रों के मामले का निपटारा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की मध्यस्थता में सोमवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर वडताल स्वामीनारायण संतों के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें वडताल स्वामीनारायण संप्रदाय के सभी साधु, 5 सामाजिक अग्रणी, राज्य सरकार के 2 मंत्री हर्ष संघवी और प्रफुल पानसेरिया हाजिर रहे। इसके बाद अहमदाबाद के शिवानंद आश्रम में स्वामीनारायण संतों और विश्व हिन्दू परिषद के संतों के बीच बैठक आयोजित कर सुखद निराकरण की घोषणा की गई।
वडताल पीठ के मुख्य कोठारी स्वामी ने बताया कि अत्यंत सद्भावना और मैत्रीपूर्ण वातावरण में बैठक हुई। विवाद के समाधान के लिए सभी कटिबद्ध हैं। विहिप ने गुजरात के नींव का काम किया है। शिवानंद आश्रम हिन्दू धर्माचार्यों, साधु-संतों और वडताल पीठ के संतों के बीच सद्भावनापूर्ण माहौल में बैठक हुई। बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक को द्वारकाधीश शंकराचार्य सहजानंद सरस्वती महाराज, वडताल पीठ के आचार्य राकेश प्रसाद महाराज आदि का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
बैठक में 5 प्रस्ताव पारित
प्रस्ताव 1- वडताल पीठेश्वर राकेश प्रसाद का स्पष्ट मत है कि स्वामीनारायण संप्रदाय वैदिक सनातन धर्म का एक अंग है और वैदिक धर्म की परंपराओं की पूजा पद्धति और हिंदू आचारों का संप्रदाय के संत और सभी आदरपूर्वक पालन करते हैं। स्वामीनारायण संप्रदाय हिंदू समाज का अंग है, इस वजह से समाज की भावना आहत करना नहीं चाहते हैं।
प्रस्ताव 2- सारंगपुर मंदिर के भित्तिचित्र जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, उसे मंगलवार को सूर्योदय से पहले हटा लिए जाएंगे।
प्रस्ताव 3- सामाज में समरता बनी रहे इसके लिए दूसरे सभी विवादित मुद्दों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद, स्वामीनारायण संप्रदाय के विविध प्रवाह और हिन्दू सनातन धर्म के आचार्य और संतों के साथ विचार-परामर्श कर शीघ्र ही बैठक आयोजित की जाएगी।
प्रस्ताव 4- सभी हिन्दू समाज में विसंवादिता दूर करने के लिए समाज में समरसता स्थापित करने के आशय से स्वामीनारायण संतों ने आदेश दिया है कि कोई भी विवादित बयान या बड़बोलापन नहीं करेंगे।
प्रस्ताव 5- विहिप संतों के चरणों और हिन्दू समाज से प्रार्थना करता है कि इस विवाद को पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए अत्यंत सक्रिय और सप्रेम पहल किया गया है। इसलिए कोई भी समाज की समरसता टूटने जैसी आपत्तिजनक बातें न करें।