रांची। झारखंड हाई कोर्ट से सिविल जज, जूनियर डिवीजन के एग्जाम में निर्धारित 35 वर्ष की उम्र पार कर जाने की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले लाल ज्ञानरंजन नाथ शाहदेव एवं अन्य को अंतरिम राहत मिली है। कोर्ट ने सिविल जज, जूनियर डिवीजन के एग्जाम में याचिकाकर्ताओं को ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए और सात दिन की छूट दी है। 21 सितंबर तक ऑफलाइन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित है।
कोर्ट ने कहा है कि अब इन प्रार्थियों का एग्जाम लिया जाएगा और उनके रिजल्ट भी आएंगे। खंडपीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं का रिजल्ट इस केस के अंतिम निर्णय से प्रभावित होगा। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई की।
याचिकाकर्ताओं लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव एवं अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था वह सिविल जज, जूनियर डिवीजन की तैयारी कई वर्षों से कर रहे हैं लेकिन पिछले पांच साल से सरकार ने कोई एग्जाम नहीं लिया था। इस वजह से उनकी उम्र सीमा निर्धारित 35 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। राज्य सरकार ने पिछले पांच साल से यह एग्जाम नहीं लिया। इसलिए हमें निर्धारित उच्च उम्र सीमा में छूट देते हुए एग्जाम देने की अनुमति दी जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनीत प्रकाश एवं नेहा पांडे ने पैरवी की। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने पैरवी की।