वाशिंगटन/ इस्लामाबाद। भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पाने के लिए अमेरिका से गुप्त समझौता किया था। एक अमेरिकी रिपोर्ट में इस दावे के साथ कहा गया है कि इस समझौते पर अमल करते हुए पाकिस्तान ने यूक्रेन को लड़ाई के लिए हथियार दिए थे।

पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकट के दौर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मदद के लिए अत्यधिक प्रयास करने पड़े थे। अब एक अमेरिकी रिपोर्ट ने जानकारी दी है कि अमेरिका ने गुप्त हथियारों की खरीद के बदले इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तीन अरब डालर का राहत पैकेज संबंधी समझौता कराया था।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह सौदा यूक्रेन की सेना को हथियारों की आपूर्ति के मकसद से जुड़ा था।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान को अमेरिका के दबाव में झुककर यूक्रेनी सेना को हथियारों की आपूर्ति की गई थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से मिले राहत पैकेज में कई कठोर शर्तें भी रखी गयी हैं।

दरअसल, आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की कठोर शर्तों की वजह से पाकिस्तान में कई हड़तालें हुईं। इस कारण हुए विरोध प्रदर्शनों से डेढ़ साल से पाकिस्तान में राजनीतिक संकट भी चल रहा है। दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में यूक्रेन के प्रति बने रुख और उनके जाने के बाद पाकिस्तान के रुख में बदलाव आया है। इमरान की सत्ता जाने के बाद से यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान, अमेरिका और उसके साथियों का समर्थक बन गया है।

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