इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी के बाद क्रूर शासन की पुनरावृत्ति सामने आ रही है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 1,600 से अधिक लोगों एक रिपोर्ट में बुधवार को बताया गया कि अफगानिस्तान में हिरासत में लोगों को तालिबानी अधिकारी क्रूर और अमानवीय यातना दे रहे हैं। तालिबान मानवाधिकार का खुलकर उल्लंघन कर रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों से अपराध स्वीकारने के लिए छत से लटकाया जाता है। बिजली के झटके सहित कई और अमावनीय यातनाएं दी जाती हैं। इसमें 11 प्रतिशत मामलों में महिलाओं को दी गई कठोर और क्रूर यातना भी शामिल है। 259 मामलों में शारीरिक पीड़ा और 207 मामलों में मानसिक पीड़ा देने की बात कही गई है। रिपोर्ट में जनवरी 2022 से जुलाई 2023 के अंत तक के मामले दर्ज हैं।

संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने कहा कि ऐसे 50 प्रतिशत मामलों में हिरासत में रखे गए लोगों पर क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार की शिकायत दर्ज की गई है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा कि तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद उदार शासन का वादा किया था। लेकिन वह 1990 के दशक से पहले वाले तालिबान की तरह ही क्रूर और कठोर कदम उठा रहा है।

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