– राष्ट्रपति ने किया मप्र हाई कोर्ट की नई इमारत का शिलान्यास

जबलपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी चाहिए। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय सिर्फ नौ फीसदी और उच्च न्यायालयों में केवल सिर्फ 14 फीसदी महिला जज हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण देश के लिए आवश्यक है। राजनीति में 33 फीसदी महिला आरक्षण क्रांतिकारी कदम होगा।

राष्ट्रपति बुधवार को जबलपुर में मप्र उच्च न्यायालय के नए भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने समारोह में 460 करोड़ की लागत से बनने वाले मप्र उच्च न्यायालय के नए भवन का शिलान्यास किया। मुख्य कार्यक्रम ट्रिपल आईटीडीएम के ऑडिटोरियम में हुआ। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागत किया। जस्टिस शील नागू ने राज्यपाल को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य जनप्रतिनिधि, न्यायालय से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महिला में न्याय करने का नैसर्गिक भाव होता है। एक मां कभी बच्चों में भेद नहीं करती। महिलाओं की भागीदारी न्यायपालिका के हित में होगी। न्यायपालिका का लक्ष्य सरल, सुलभ, त्वरित न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालतों में पेंडेंसी और पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी चुनौती है। देश की ट्रायल कोर्ट्स में 4.5 करोड़ केस पेंडिंग हैं।

कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल में कहा कि मैं चाहूंगा कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट भी अपने आदेशों को हिंदी में सुनाने की दिशा में पहल करे। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे राज्य यानी मध्य प्रदेश का न्याय सिस्टम सबसे अच्छा हो, ताकि लोगों के साथ अन्याय ना हो। न्याय सिस्टम को ठीक करने के लिए हर दिन, हर घड़ी, हर पल मेहनत करना पड़ता है, ताकि भविष्य में अच्छा रिजल्ट देख पाएं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि 134 साल पुरानी हाई कोर्ट की बिल्डिंग थी। इसकी आवश्यकताएं भी बदल गई। बिल्डिंग के लिए माइक्रो प्लानिंग की गई है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा न्याय भवन बनाएंगे जो कि आने वाले 134 साल तक फिर भवन की जरूरत ना पड़े। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों से मांग की है कि जिस तरह से कोविड के समय ऑनलाइन सुनवाई होती थी, उसी तरह टेक्नोलॉजी और नई व्यवस्थाओं के साथ फैसला लेना चाहिए, यह सोचना होगा। उन्होंने कहा कि जो गंभीर मामले हैं, उन पर किस तरह शीघ्र न्याय मिल सके, इस पर भी विचार किया जाना चाहिए।

मप्र उच्च न्यायालय का नया भवन 9 मंजिला होगा। दो बेसमेंट बनेंगे। नए भवन में कुल 60 कोर्ट रूम बनाने का प्रस्ताव है। पहले चरण में 31 कोर्ट रूम बनाए जाएंगे। नया भवन 1 लाख 14 हजार 108 वर्ग मीटर में निर्मित किया जाएगा। इस बिल्डिंग के लिए विधि विभाग ने अगस्त 2023 को 460 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। दोनों बेसमेंट में करीब 400 कारों की पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। इस बिल्डिंग का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। नौ मंजिला बिल्डिंग के प्रत्येक तल में कोर्ट रूम के अलावा वकीलों और सरकारी वकीलों सहित पक्षकारों की सुविधा के लिए आवश्यक सभागार भी बनेंगे।

हाईकोर्ट की एनेक्सी बिल्डिंग में रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के अलावा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम फायर अलार्म, फायर फाइटिंग सिस्टम, सीसीटीवी, ड़ेटा नेटवर्किंग, ऑडियो विजुअल सिस्टम जैसी सुविधाएं भी रहेगी। नई एनेक्सी बिल्डिंग के लिए पुरानी जिला अदालत व अन्य बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version