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    Home»अन्य खबर»इतिहास के पन्नों में 24 सितंबरः यरवदा जेल में महात्मा गांधी व डॉ. अंबेडकर के बीच पूना समझौता
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    इतिहास के पन्नों में 24 सितंबरः यरवदा जेल में महात्मा गांधी व डॉ. अंबेडकर के बीच पूना समझौता

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 23, 2024No Comments4 Mins Read
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    24 सितम्बर 1932 को पूना की यरवदा जेल में महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के बीच पूना समझौता हुआ, जिसे पूना पैक्ट के नाम से जाना गया। ब्रिटिश हुकूमत ने इस समझौते को सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कॉम्युनल एवार्ड) में संशोधन के रूप में अपनी अनुमति प्रदान की थी। इसके तहत दलित वर्ग के लिए अलग निर्वाचक मंडल को त्याग दिया गया, लेकिन दलित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की संख्या प्रांतीय विधानमंडलों में 71 से बढ़ा कर 147 और केन्द्रीय विधायिका में कुल सीटों की 18% तक कर दिया गया।

    दरअसल, कम्युनल एवार्ड की घोषणा के समय महात्मा गांधी पूना की यरवदा जेल में थे। गांधीजी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसे बदलवाने की मांग की लेकिन जब उन्हें लगा कि उनकी मांग पर अमल नहीं किया जा रहा है तो उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी। लेकिन डॉ. अंबेडकर इसके पक्ष में दृढ़ता के साथ खड़े थे। उनका कहना था कि गांधी की जान बचाने के लिए वह दलितों के हितों का त्याग नहीं कर सकते।

    भूख हड़ताल के कारण गांधीजी की तबीयत दिनों दिन बिगड़ती जा रही थी और उनके प्राणों पर संकट आ गया। आखिरकार 24 सितम्बर 1932 को शाम पांच बजे डॉ. अंबेडकर यरवदा जेल पहुंचे। यहां गांधीजी और डॉ. अंबेडकर के बीच समझौता हुआ, जो बाद में पूना पैक्ट के नाम से जाना गया। समझौते में डॉ. अंबेडकर ने दलितों को कम्यूनल अवॉर्ड में मिले पृथक निर्वाचन के अधिकार को छोड़ने की घोषणा की।

    अन्य अहम घटनाएंः

    1688- फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

    1726- ईस्ट इंडिया कंपनी को बम्बई,कलकत्ता और मद्रास में नगर निगम और महापौर अदालतों को बनाने के लिए अधिकृत किया गया।

    1789- अमेरिका में अटॉर्नी जनरल का कार्यालय बनाया गया।

    1932- डॉ.अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल में ‘दलितों’के लिए विधानसभाओं में सीटें सुरक्षित करने को लेकर विशेष समझौता।

    1932- बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वादेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्योछावर करने वाली पहली महिला बनी।

    1948- होंडा मोटर कंपनी की स्थापना।

    1965- यमन को लेकर सऊदी अरब और मिस्र के बीच समझौता।

    1968- दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।

    1971- ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में 90 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया।

    1978- पूर्व सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।

    1979- घाना ने संविधान अपनाया।

    1990- पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया।

    1996- अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किये।

    1996- व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर होने शुरू, सं.रा. अमेरिका संधि पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश।

    2003- फ़्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया।

    2005- आईएईए ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे को सुरक्षा परिषद को सौंपने का निर्णय लिया।

    2007- म्यांमार की सैन्‍य सरकार के ख़िलाफ़ राजधानी यांगून में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे।

    2008- चीन और नेपाल ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक अहम अनुबन्‍ध पर हस्‍ताक्षर किया।

    2009- देश के पहले चन्द्रयान-1 ने चाँद की सतह पर पानी खोज निकाला।

    2013- पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 लोगों की मौत।

    2014- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह मंगलयान ने मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया।

    जन्म

    1856- प्रताप नारायण मिश्र- हिन्दी खड़ी बोली और ‘भारतेन्दु युग’के उन्नायक।

    1861- भीकाजी कामा- प्रसिद्ध भारतीय महिला क्रांतिकारी।

    1925- औतार सिंग पैंटल- चिकित्सा शास्त्र के वैज्ञानिक।

    1950- मोहिन्दर अमरनाथ- प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी।

    1979- अमीरा शाह- भारतीय उद्यमी हैं जो मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर की प्रबन्ध निदेशक हैं।

    1971- लिम्बा राम- भारत के प्रथम प्रसिद्ध तीरंदाज हैं, जिन्होंने विश्व स्तर पर तीरंदाजी के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की।

    1940- आरती साहा- भारत की प्रसिद्ध महिला तैराक थीं।

    निधन

    2006- पद्मिनी- दक्षिण भारतीय अभिनेत्री व मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना।

    2004- राजा रमन्ना- भारतीय परमाणु वैज्ञानिक थे जिन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    1997- ईएस वेंकटरमैय्या- भारत के भूतपूर्व 19वें मुख्य न्यायाधीश रहे थे।

    1992- सर्व मित्र सिकरी- भारत के भूतपूर्व 13वें मुख्य न्यायाधीश थे।

    1978- भूपति मोहन सेन-जानेमाने गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी थे।

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    shivam kumar

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