रांची। लालपुर निवासी हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या मामले में मुख्य साजिशकर्ता लोकेश कुमार चौधरी के बॉडीगार्ड धर्मेंद्र कुमार तिवारी की ओर से दायर क्रिमिनल अपील की सुनाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में धर्मेंद्र कुमार तिवारी की ओर से जमानत का आग्रह करते हुए दायर हस्तक्षेप याचिका (आइए) पर दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गयी। उसके बाद हाइकोर्ट की खंडपीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। आरोप है कि धर्मेंद्र ने लोकेश के कहने पर अपनी बंदूक से गोली चलायी थी, जिससे हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की मौत हो गयी थी। धर्मेंद्र आर्मी से सेवानिवृत्त हुआ था। वह लोकेश चौधरी के यहां बॉडीगार्ड के रूप में काम करता था। पुलिस की जांच में यह बात आयी थी कि गोली धर्मेंद्र कुमार की राइफल से ही चली थी। पुलिस ने घटनास्थल पर बरामद खोखा एवं धर्मेंद्र की राइफल दोनों की जांच की थी।

मामले में लोकेश चौधरी की जमानत पूर्व में हाइकोर्ट ने खारिज कर दी थी। दरअसल, इस हत्याकांड में अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने जून 2023 में लोकेश कुमार चौधरी, सुनील सिंह, धर्मेंद्र कुमार तिवारी को उम्र कैद की सजा सुनायी थी। लोकेश और धर्मेंद्र ने निचली अदालत द्वारा सुनायी सजा को हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर कर चुनौती दी है।

क्या है मामला
लोकेश चौधरी ने लालपुर निवासी हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल को अशोक नगर स्थित एक न्यूज कार्यालय में 6 मार्च 2019 को बुलाया था। विवाद होने पर उनकी हत्या गोली मार कर की गयी थी। मामले को लेकर अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश कुमार चौधरी घटना को अंजाम देने के बाद से फरार रहा था। दिसंबर 2020 में उसने कोर्ट में सरेंडर किया था।

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