रांची। झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति की जांच की मांग के लिए दाखिल जनहित याचिका पर हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सोमवार को अदालत ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश पारित किया है। इस केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 20 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने अपनी बहस पूरी की।
विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने बहस की। इस संबंध में शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से वर्ष 2007 के बीच में विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है। मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया। आयोग ने जांच कर वर्ष 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।