नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एमसीए-21 मंच से संबंधित हितधारकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष दल का गठन किया है। इसका उद्देश्‍य इस मंच के इस्‍तेमाल में आने वाली समस्‍याओं का समाधान करना है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि एमसीए-21 मंच कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी कानूनों के तहत विभिन्न ‘फाइलिंग’ प्रस्तुत करने का एक प्रमुख मंच है। इस मंच का इस्तेमाल करने में हितधारकों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इसके मद्देनजर एक विशेष दल का गठन किया गया है।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कारोबार को आसान बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिनमें कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के निगमन और निकास की आसान और त्वरित प्रक्रिया, विलय की त्वरित स्वीकृति आदि शामिल हैं।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में एमसीए-21 पोर्टल पर कंपनियों और एलएलपी द्वारा विनियामक अनुपालन के लिए, एमसीए के पास ईमेल, हेल्पडेस्क सिस्टम, टिकटिंग टूल, चैटबॉट और सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं की नियमित समीक्षा की एक प्रणाली है। मंत्रालय के मुताबिक तत्काल प्रकृति के मुद्दों को हल करने के एक और उपाय के रूप में एक विशेष टीम गठित किया गया है, जो कुशल निपटान के लिए शिकायतों पर गौर करेगी। इसके अलावा यदि आवश्यक हो तो व्यवस्थित समाधान सुझाएगी और एमसीए-21 पोर्टल पर अनुपालन के लिए हितधारकों को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

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