मैं किसी से डरनेवाला नहीं, हर लड़ाई लड़ूंगा: हेमंत सोरेन
डीबीटी के माध्यम से पैसे हस्तांतरित किये
एक रुपये में फसल बीमा करने की योजना का उद्घाटन
दूध उत्पादकों की प्रोत्साहन राशि पांच रुपये प्रति लीटर
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वह किसी से डरनेवाले नहीं हैं। भाजपा के लोग चाहे कुछ भी कर लें, झारखंड के लोगों के हितों के लिए उनका अभियान जारी रहेगा। गुरुवार को धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में आयोजित किसान सम्मान योजना कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने झारखंड सरकार की कृषि ऋण माफी योजना के तहत एक लाख 76 हजार 977 किसानों का चार सौ करोड़ रुपये का ऋण माफ किया। योजना के तहत 400.60 करोड़ की राशि को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया। मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड के दूध उत्पादकों को दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहन राशि को दो रुपये से बढ़ा कर पांच रुपये प्रति लीटर करने की योजना और एक रुपये में फसल बीमा करने की योजना का भी शुभारंभ किया। इससे 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
पता नहीं, इस योजना के खिलाफ भी कोई पीआइएल कर दे
सीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम किसान लोन माफी नहीं, किसान सम्मान योजना है। भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग किसानों को पूंजीपति के हाथ बेचने जा रहे थे, मगर किसानों ने एक साल आंदोलन करके तीन कृषि कानून को वापस कराया। इनके पास एमएसपी देने का पैसा नहीं है, मगर इनके पास पूंजीपतियों का लोन माफ करने का पैसा है। सीएम ने कहा कि कोई किसी को जबरदस्ती परेशान करता है, तो उसे गरीबों की हाय लगती है। मुझे भी झूठे केस में जेल भेज दिया गया। पता नहीं, दो लाख तक की कृषि लोन माफी के खिलाफ भी कोई कोर्ट में पीआइएल दायर कर दे। मगर मैं डरनेवाला नहीं हूं। इनके खिलाफ हर लड़ाई लड़ूंगा।
महाराष्ट्र में सरकार बनायी नहीं, बल्कि खरीदी गयी
हेमंत सोरेन ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनायी नहीं, बल्कि खरीदी गयी है। ये लोग जहां जीतते नहीं हैं, वहां सरकार खरीद लेते हैं। अब वोट खरीदने झारखंड आ गये हैं। झारखंडी जेल, गोली, लाठी-डंडा से डरनेवाला नहीं है। लड़ कर लिया है झारखंड, लड़ कर अधिकार लेंगे।
किसानों का बैंक उसका खेत और एटीएम कार्ड खलिहान होता है
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के लोगों के पास, हमारे गांव-देहात के लोगों के पास, हमारे किसानों के पास बोरा भर-भर कर पैसा नहीं है, बैंक में भरा हुआ नोट नहीं है, कोई एटीएम कार्ड भी नहीं है। बड़ी मुश्किल से खाता भी खोलते हैं, तो वो खाता में कुछ पैसा मेहनत-मजदूरी करके जमा करने का प्रयास आप लोगों का हमेशा रहता है। इसलिए हम कहते हैं कि हमारे किसानों का बैंक खेत होता है और एटीएम कार्ड उसका खलिहान होता है। यही संपत्ति है हमारे किसानों की।
विचित्र स्थिति से गुजर रहा है देश
सीएम ने कहा कि आज बड़ी विचित्र स्थिति से यह देश गुजर रहा है। आप लोगों ने सुना होगा कि पूरे देश का किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक तक दिल्ली को घेर कर बैठ गया था। दिल्ली में इस तरीके से वो किसान डट कर बैठे कि भारत सरकार चहारदीवारी से बाहर नहीं निकल पा रही थी। उस आंदोलन में अनेक किसानों की जान चली गयी और ठंडा भी गुजर गया, गर्मी गुजर गयी, हर मौसम गुजर गया। लेकिन किसान डटे रहे। क्यों डटे रहे, क्योंकि यही एनडीए की सरकार, यही भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी।