सरकार ने मांगा समय, यौन उत्पीड़न मामले में निचली अदालत में चार्ज फ्रेम पर रोक जारी
रांची। झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील कुमार तिवारी की ओर से उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न से संबंधित एवं गवाहों को धमकाने को लेकर दो अलग-अलग मामले में दायर क्वैशिंग याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। हाइकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया। सरकार की ओर से चार सप्ताह का समय कोर्ट से मांगा गया था। कोर्ट ने दोनों मामले की सुनवाई 30 सितंबर निर्धारित की है।
हाइकोर्ट ने सुनील कुमार तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व में निचली अदालत में चार्ज फ्रेम पर रोक जारी रखी। वहीं पीड़िता द्वारा सुनील तिवारी पर गवाहों को धमकाने के आरोप को लेकर अरगोड़ा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई भी हुई। हाइकोर्ट ने गवाहों को धमकाने के मामले में सुनील तिवारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखी है।
दरअसल, अगस्त 2021 में सुनील तिवारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न एवं जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल को लेकर खूंटी की एक लड़की ने अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी । प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने रांची की अदालत में केस वापसी के लिए याचिका दाखिल की है। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने आरोप की सत्यता को समझे बिना कुछ गलतफहमी के कारण प्राथमिकी दर्ज करायी है, वह इस मामले में आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।