रामगढ़। बुधवार को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा आहूत झारखंड बंद में रामगढ़ जिले के चक्रवाली ग्राम में झारखंड आंदोलनकारी एवं पूर्व भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने इस आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन से आंदोलनकारियों को काफी आशाएं थीं, लेकिन उन्होंने वायदाखिलाफी की है। वह आंदोलनकारियों की सरकार होने का दावा करते हैं, लेकिन उन्हें मान सम्मान देना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को न तो पेंशन दी जा रही है और ना ही उनके परिजनों को नौकरी में आरक्षण मिल रहा है। विगत 24 वर्षों से आंदोलनकारी भटक रहे हैं और आर्थिक विपन्नता में कई गुजर चुके हैं।
चंपाई सोरेन का अपमान किया गया
हेमंत सोरेन सरकार ने चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटा कर झारखंड आंदोलनकारियों को अपमानित किया है। श्री प्रभाकर ने झामुमो, भाजपा, आजसू, कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे आंदोलनकारियों को मान सम्मान दिलाने के लिए पहल करें। उन्होंने कहा कि विडंबना है कि 24 वर्षों में अभी तक आंदोलनकारियों को चिह्नित करने का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने मांग की कि सभी आंदोलनकारियों को पेंशन मिले और इसके लिए जेल जाने की बाध्यता नहीं हो। साथ ही पेंशन की राशि 30,000 की जाये।