अपनी स्मरण शक्ति को ठीक करें झामुमो नेता
चुनाव को पैसा और पावर से कौन प्रभावित करता है यह झामुमो से ज्यादा कोई नहीं जानता
रांची। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सांसद आदित्य साहू ने रविवार को झामुमो पर बड़ा निशाना साधा। श्री साहू झामुमो की प्रेसवार्ता पर पलटवार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झामुमो को आसन्न विधानसभा चुनाव में होने वाली पराजय का भय साफ झलक रहा है। इन्हें राज्य की समस्याओं से ज्यादा पड़ोसी राज्य दिखायी पड़ रहे। टूटते बिखरते झामुमो की पीड़ा का ठीकरा झामुमो के नेता चुनाव आयोग पर फोड़कर मन को शांत करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा चुनाव की तिथियों में परिवर्तन संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया पर निर्णय करने के लिए स्वतंत्र होता है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर हमला बोलने वालों के साथ सत्ता की मलाई खाने वाले झामुमो की मजबूरी हो जाती है चुनाव आयोग के खिलाफ बोलना। उन्होंने कहा कि हरियाणा में चुनाव की तिथि वहां होने वाले सांस्कृतिक उत्सव के कारण परिवर्तित किये गये हैं। बिश्नोई समाज जिनके गुरु जंभेश्वर की याद में बड़ा उत्सव मनाया जाता है। उस उत्सव में हरियाणा से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इसलिए भाजपा सहित हरियाणा की राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने भी चुनाव आयोग से तिथियों में पुनर्विचार का लिखित अनुरोध किया था।
कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य को अपनी स्मरण शक्ति मजबूत करनी चाहिए। पता करना चाहिए की कहीं कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा। श्री साहू ने याद दिलाया कि चुनाव आयोग की टीम के झारखंड दौरे पर यही झामुमो नेता दशहरा, दीपावली छठ, जैसे पर्व का उदाहरण देकर निर्धारित समय पर ही झारखंड में चुनाव कराने की मांग कर रहे थे। कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य को बताना चाहिए कि झारखंड के लोगों के लिए अगर पर्व, त्योहार महत्वपूर्ण हैं तो फिर हरियाणा में अगर चुनाव आयोग ने उत्सव के कारण थोड़े परिवर्तन किये तो उन्हें क्यों आपत्ति है?
उन्होंने कहा कि सुप्रियो को पता होना चाहिए कि तिथियों में यदि एक्सटेंशन हुआ है तो सभी दलों को ज्यादा प्रचार का मौका मिलेगा न कि सिर्फ भाजपा को। उन्होंने कहा कि पैसा और पावर से चुनाव कौन प्रभावित करता है, कौन पैसा बांटता है ये तो झामुमो नेता, विधायक समीर मोहंती के पत्र में सार्वजनिक हो गया था। भले दबाव में उसे वापस लेने का नाटक किया गया हो। कहा कि सुप्रियो राज्य और अपने दल की चिंता करें तो ज्यादा भला होगा।