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    Home»Top Story»हो समाज की भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए मोदी सरकार संकल्पित: हिमंता बिस्वा सरमा
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    हो समाज की भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए मोदी सरकार संकल्पित: हिमंता बिस्वा सरमा

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 18, 2024No Comments3 Mins Read
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    हो भाषा को संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए पहल करेगी भारत सरकार
    रांची। असम सरकार के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने विगत 16 सितंबर को हो समाज के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मिलने वालों में आदिवासी हो समाज युवा महासभा के महासचिव गब्बर सिंह हेंब्रम, पूर्व सांसद गीता कोड़ा सहित अन्य शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन भी सौंपा।

    श्री बिस्वा सरमा ने बताया कि झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले आदिवासी ‘हो’ समाज के परिवारजनों की कई वर्षों से मांग थी कि ‘हो’ भाषा (वारंग क्षिति लिपि) को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाये। इस संदर्भ में, मैंने आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा और अखिल भारतीय हो भाषा एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

    कहा कि गृह मंत्री ने इस प्रतिनिधिमंडल की बात सुनी और आश्वासन दिया कि भारत सरकार उनकी इस मांग पर विचार करेगी। साथ ही यह भी कहा कि मोदी सरकार देश के हर समाज की

    संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
    उन्होंने कहा कि झारखंड में 18 लाख, ओड़िशा में 14 लाख, असम में 7 लाख, छत्तीसगढ़ में 50 हजार जबकि अन्य जगहों पर लगभग 1 लाख लोग हो भाषा बोलते हैं।

    कहा कि हो भाषा कि अपनी वारंग चिति लिपि है। अपना शब्दकोष है।
    कहा कि इतिहास, सामाजिक विज्ञान आदि में हो भाषा में शोध प्रकाशित हुए हैं। इनके साहित्य देवनागरी, उड़िया, बंगाली, रोमन लिपि में भी प्रकाशित हुए हैं।

    कहा कि झारखंड राज्य में हो भाषा को प्राथमिक से लेकर विश्व विद्यालय तक पढ़ाई जाती है। कोल्हान, रांची, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई होती है। कहा कि इस भाषा का प्रयोग आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों समुदाय के लोग करते हैं। कहा कि झारखंड में हो भाषा को द्वितीय राजभाषा में शामिल किया गया है। इस भाषा के आधार पर नियुक्ति भी हुई है। बिस्वा सरमा ने बताया कि हो भाषा के विद्वानों को पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास, उनके संस्कृति की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। कहा कि जैसे संथाली और बोडो भाषा को भाजपा सरकार ने 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संविधान में 102वीं संशोधन किया था। आनेवाले दिनों में हो भाषा को भी संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेगी।

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