रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में जारी उत्पाद सिपाही नियुक्ति परीक्षा को लेकर फिर सवाल उठाया है। कहा है कि बिना पर्याप्त तैयारी के ही आपाधापी में नियुक्ति प्रक्रिया अपनायी गयी है। कैंडिडेट को भी 10 किमी की दौड़ के अभ्यास के लिए दो सप्ताह का ही समय मिला। बाबूलाल के अनुसार उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा की 500 सीटों की बहाली में 12 होनहार युवा अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं, यानी 2% से भी ज्यादा। ये मरने वाले सभी युवा अपने गरीब परिवार का सहारा थे, अपने मां-बाप की आंखों का तारा थे।
मृत युवकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा आर सरकारी नौकरी मिले
सामान्यतः भर्ती प्रक्रिया में पहले लिखित परीक्षा होती है। उसके पश्चात सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए दौड़ का आयोजन किया जाता है। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माहौल बनाने के लिए जल्दीबाजी में बिना किसी तैयारी के, बेरोज़गारों को तैयारी के लिये मात्र पन्द्रह दिनों का मौक़ा देकर दौड़ का आयोजन कर 12 होनहार युवाओं की बलि ले ली। अपनी हवाबाजी दिखाने के लिए हेमंत सोरेन ने एक गैर न्यायिक अमानवीय काम किया है। बाबूलाल ने कहा है कि 11 युवाओं के मौत के लिये ज़िम्मेवार लोगों को चिह्नित करने के लिये न्यायिक आयोग बनाकर जॉंच करायी जानी चाहिए। उन्होंने सीएम हेमंत से मृत युवाओं के परिवारों को अविलंब 50-50 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने को भी कहा है। साथ ही, सरकार की अव्यवस्था के कारण आगे किसी भी बहाली में एक भी मौत ना हो, इसे भी सुनिश्चित करने को कहा है।