रांची। भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी मामले में शनिवार को एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में राहुल गांधी की पेशी से व्यक्तिगत छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट से प्रतिउत्तर देने के लिए समय की मांग की। इस पर अदालत ने समय देते हुए 21 सितंबर को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।

इससे पूर्व शिकायतकर्ता नवीन झा के अधिवक्ता विनोद साहू की ओर से मामले में 31 अगस्त को जवाब दाखिल किया गया था। अधिवक्ता ने बताया कि राहुल गांधी मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट चाहते हैं। इसको लेकर उनके अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने 14 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 205 के तहत याचिका दाखिल की है। राहुल गांधी को मामले में कोर्ट में पेश होना है। पेशी को लेकर समन जारी है। इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने राहुल गांधी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह किया था लेकिन समन की तामील सर्विस रिपोर्ट कोर्ट को प्राप्त नहीं होने के कारण सुनवाई लंबित है।

कोर्ट ने पूर्व में राहुल गांधी को समन जारी कर सशरीर उपस्थित होने को कहा था। राहुल गांधी की ओर से पूर्व में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जारी समन को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को फिर से समन जारी किया था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में मामले में शिकायतवाद दर्ज होने के बाद रांची सिविल कोर्ट ने पहली बार राहुल गांधी को समन जारी किया था। यह शिकायतवाद भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने वर्ष 2018 को किया है। याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

नवीन झा के मुताबिक, इस दौरान राहुल ने कहा था कि भाजपा में एक हत्यारा अध्यक्ष बन सकता है लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता। इस बयान से उन्हें ठेस पहुंची है। पार्टी की छवि खराब हुई है। इस वजह से शिकायतवाद दायर की थी।

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