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    Home»राज्य»कटाव का खतरा देख खुद से अपना आशियाना तोड़ने को विवश लोग
    राज्य

    कटाव का खतरा देख खुद से अपना आशियाना तोड़ने को विवश लोग

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 20, 2024Updated:September 20, 2024No Comments2 Mins Read
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    भागलपुर। जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ने से फिर से एक बार फिर निचले इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सबौर प्रखंड के मशाढ़ू गांव के ग्रामीण बाढ़ और कटाव का खतरा देख अपने घरों को तोड़कर ईंट निकाल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बहुत मुश्किल से एक-एक ईंट को जोड़कर घर बनाए थे लेकिन आज खुद अपने हाथों से घर को तोड़ रहे हैं। हम लोगों को अभी तक कोई देखने तक नहीं आया है। इस गांव के ग्रामीण रात भर जगकर किसी तरह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहे हैं।

    ग्रामीणों का कहना है कि हर साल हमारे गांव में इसी तरह गंगा का रौद्र रूप देखने को मिलता है। बाढ़ के पूर्व अधिकारी आते हैं और घूम कर चले जाते हैं। जब हमारा घर के साथ सारा कुछ गंगा में बह जाता है तो फिर अधिकारी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। उधर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। अभी गंगा खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

    जलस्तर में वृद्धि होने से निचले इलाके फिर से एक बार बाढ़ का खतरा मडंराने लगा है। गंगा के जलस्तर बढ़ने से गंगा स्नान करने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल संसाधन विभाग की माने तो अभी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीण योगेंद्र महलदार ने बताया कि गंगा के जलस्तर में लगातार जिस तरह वृद्धि हो रही है, ऐसा पहले नहीं हुआ था।

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