लात पंचायत की जर्जर सड़कों ने उजागर किया विकास का सच
-गड्ढों और कीचड़ में फंसा विकास, लात पंचायत के लोग परेशान
बरवाडीह। लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के अतिसुदुर्वर्ती इलाका लात पंचायत आजादी के 9 दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। गांवों में सड़कों की हालत इतनी खराब है कि ग्रामीणों को रोजमर्रा की जिंदगी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है।ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों की बदहाली के कारण जरूरत पड़ने पर भी वे गांव से बाहर नहीं निकल पाते। खासकर बरसात में मरीजों को अस्पताल ले जाना, बच्चों का स्कूल जाना या जरूरी काम से बाजार जाना बेहद मुश्किल हो जाता है। कच्ची और जर्जर सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ बने हुए है।जिससे आए दिन वाहन फंस जाते हैं।जिसका जीता जागता लात पंचायत के टोंगारी और करमडीह गांव की स्थिति इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। स्थानीय लोगों और प्रखण्ड प्रमुख सुशीला कुमारी ने बताया कि लात पंचायत के लाभर से करमडीह तक जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से जर्जर है। हाल ही में बारिश के बाद इस मार्ग पर चलने वाली बाला जी नामक बस,सीआरपीएफ पिकेट का वाहन व अन्य वाहन गड्ढे और कीचड़ में बुरी तरह फंस गई।जिसे निकालने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी। यह बस रोजाना करमडीह से जिला मुख्यालय लातेहार तक चलती है। इसी मार्ग से हर दिन सैकड़ों ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सफर करने को विवश हैं।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वर्षों से सड़क निर्माण और मरम्मत की अनदेखी की जा रही है।जबकि सरकार और जनप्रतिनिधि विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं। लात पंचायत अति सुदूरवर्ती और पिछड़ा इलाका है।जहां आज भी न तो अच्छी सड़क है और न ही बिजली की स्थायी सुविधा उपलब्ध है।स्थानीय लोगों ने अब अंतिम गुहार जिले के उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से लगाई है कि इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर सड़क की मरम्मत और पक्कीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क और बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होता।तब तक विकास की बातें केवल कागजों पर ही सीमित रहेंगी।अब देखना होगा कि आगे भी यही बदस्ततुर आलम रहता है।या फिर कुछ बदलाव होगा।