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    Home»Jharkhand Top News»झारखंड में जल्द होगी 26 हजार शिक्षकों की बहाली: हेमंत सोरेन
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    झारखंड में जल्द होगी 26 हजार शिक्षकों की बहाली: हेमंत सोरेन

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 16, 2025No Comments5 Mins Read
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    मुख्यमंत्री नव-नियुक्त इंटर और स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में हुए शामिल
    -कक्षा 1 से 5 के 170 और कक्षा 6 से 8 के 131 सहायक आचार्यों को मिला नियुक्ति पत्र
    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व कितना है, इससे हम सभी भली-भांति वाकिफ हैं। इससे पूर्व भी बड़ी संख्या में सहायक आचार्य पदों पर नियुक्ति पत्र सौंपा गया था, इसी क्रम को आगे बढ़ाते मंगलवार को 301 सहायक आचार्य की नियुक्ति की जा रही है। राज्य में और 26 हजार शिक्षकों के पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। सरकार झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा निरंतर कदम उठाये जा रहे हैं। प्राथमिक, माध्यमिक, डिग्री आधारित , इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमारी सरकार बेहतर कार्य कर रही है तथा हमारी आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सकारात्मक दिशा देने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित नव-नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य (गणित एवं विज्ञान) तथा गोड्डा जिला के इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य (कक्षा 01 से 05) का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नव नियुक्त प्रशिक्षित सहायक आचार्य गणित और विज्ञान में 131 तथा गोड्डा जिला के इंटर प्रशिक्षित 170 सहायक आचार्य के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नव-नियुक्त सहायक आचार्यों को शुभकामनाएं दी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वज एवं कई माता-पिता ऐसे हैं, जिन्होंने पढ़ाई नहीं की, लेकिन जीवन में वे काफी व्यावहारिक रहे हैं। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर अपने इर्द-गिर्द के सभी चीजों को संजोया है, उस समय की शिक्षा पद्धति कुछ और थी। पूर्व के समय से ही बौद्धिक विकास अलग-अलग माध्यमों से होता रहा है। वर्तमान में हमारे बच्चों के बौद्धिक विकास का रास्ता शिक्षा के माध्यम से होकर जाता है। वह बिल्कुल अलग है और इसमें लगातार नये आयाम जुड़ रहे हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि एक समय था, जब बच्चे कॉपी की जगह स्लेट उपयोग करते थे। वर्तमान में सभी चीज डिजिटल हो रही है। शिक्षा के क्षेत्र में ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल ब्लैकबोर्ड आने लगे हैं। आज शिक्षा के क्षेत्र में हमें आगे बढ़ाने के लिए अपनी रफ्तार बढ़ानी होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ समस्याओं की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में हम अपेक्षित रूप से बहुत आगे नहीं बढ़ पाये हैं। इसलिए हम लोगों ने प्रयास किया है कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए जितने भी आयाम जोड़े जा सकते हैं, उन्हें जोड़ा जाये। इस क्षेत्र में बेहतर से बेहतर काम किया जा रहा है, आने वाली पीढ़ी आगे बढ़ सके, इसके लिए हम सबों को बेहतर शिक्षा की ओर आगे बढ़ना होगा।
    नव नियुक्त सहायक आचार्य के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी:

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिक्षा के क्षेत्र में कमियां रहेगी तो इसका परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ी को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए भरसक प्रयास करते हैं। अपने पेट का अनाज कम कर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का उदाहरण अपनी नजरों से हम सभी देखते हैं और महसूस भी करते हैं। आप सभी लोगों को सरकार की स्कूलों को चलाने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है। यहां कई चुनौतियां हैं। एक तरफ सरकारी व्यवस्था, दूसरी तरफ निजी विद्यालय। आज शिक्षा के क्षेत्र को आप सभी नव नियुक्त सहायक आचार्य रीढ़ की हड्डी बने, इस हेतु आप सभी का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कार्य के लिए आपको पारिश्रमिक मिलेगा वह पैसा आम लोगों का है। आम जनता द्वारा भुगतान किये गये टैक्स की राशि से आपको तनख्वाह दी जायेगी। आने वाले समय में आपका प्रमोशन भी होगा। अगर हम किसी चीज को पाने की इच्छा रखते हैं, तो हमें कुछ देने की भी कोशिश करना नितांत आवश्यक है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपने कर्तव्य का निर्वहन बेहतर ढंग से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी होती है जब सीएम उत्कृष्ट विद्यालय प्रारंभ हुआ, तो कई अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूल में करवा रहे हैं। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में पैसे देने की स्थिति उनकी नहीं है और हम लोगों ने गुणवत्ता पूर्वक उत्कृष्ट विद्यालय को प्रारंभ किया है, हालांकि सीएम उत्कृष्ट स्कूलों में अभी और बेहतर चीजों को समाहित करने की आवश्यकता है। निश्चित रूप से इस प्रक्रिया को बहुत जल्द पूरा किया जायेगा।

    निजी विद्यालयों के समरूप संचालित करना प्राथमिकता:
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संचालित सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के समरूप खड़ा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों का समूह है। आप शिक्षकों की तरफ से बेहतर शिक्षा के लिए कोई सुझाव है, तो वह सरकार को दें। आपके सुझाव पर निश्चित रूप से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज एक तरफ बहुत खुशी का दिन है और दूसरी तरफ चुनौती भरी जिम्मेवारी आपके कंधे पर सौंपी जा रही है। झारखंड को हमें उस मुकाम पर ले जाना है जहां लोग इसे सिर्फ खनिज संपदा के रूप में ही नहीं बल्कि बौद्धिक रूप से भी पहचाने। ऐसी कार्य पद्धति के साथ हम आगे बढ़े।

    कार्यक्रम में थे मौजूद:
    इस अवसर पर मंत्री संजय प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह, परियोजना निदेशक शशि रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज रंजन सहित बड़ी संख्या में नव नियुक्त सहायक आचार्य एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।

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