नालंदा, बिहारशरीफ। नालंदा जिले के राजकीय डिग्री महाविद्यालय राजगीर में हिंदी विभाग के तत्वावधान में हिंदी पखवाड़ा का उद्घाटन सह संगोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को किया गया। संगोष्ठी का विषय मुख्य बिषय “हिंदी भाषा की विशिष्टता एवं अन्य भारतीय भाषाएं” रखा गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता नव नालंदा महाविहार के आचार्य प्रो रवीन्द्रनाथ श्रीवास्त ने हिंदी की व्यापकता एवं विशिष्टता को बताते हुए कहा कि आज हिंदी भाषा पूरे विश्व के नामचीन देशों में प्रचलित हो चुकी है ,यही कारण है कि वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा की जितनी विज्ञापन आती है उससे कहीं ज्यादा विज्ञापन हिंदी भाषा में भी आती हैं। यही नहीं हिंदी के जितने भी एफ.एम. रेडियो चैनल , वेबसीरीज एवं अन्य मनोरंजन चैनल सभी राज्यों में लोकप्रिय हैं और ज्यादा देखी और सुनी जाती है । साथ ही ,उन्होंने एक चिंता भी जाहिर की आए दिनों में कुछ वेबसीरीज ऐसे भी आ रहे हैं जो हिंदी भाषा की मर्यादा लांघ चुके हैं जिससे खासकर हमारी युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि जो साहित्य का सही स्वरूप को पढ़ेगा और पढ़कर अपने जीवन में आत्मसात करेगा वो कभी कुकृत्य नहीं करेगा और न ही कटु वचन बोलेगा ।उन्होंने अन्य राज्यों के जिक्र करते हुए कहा कि अब केरल , तमिलनाडु , महाराष्ट्र एवं अन्य अहिंदी भाषी राज्यों में भी हिंदी समझी और पढ़ी जाती है । उदाहरण स्वरूप उन्होंने कहा कि ट्रक ड्राइवर भी हर राज्य में गुजारा कर लेता है,यह हिंदी भाषा की लोकप्रियता का प्रमाण है।