नई दिल्ली। नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में जारी विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स 2025 में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय पैरा एथलीट शैलेश कुमार ने चुनौतियों से भरी अपनी यात्रा को साझा किया है। उन्होंने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि मैं जमुई (बिहार) के इस्लामनगर नामक एक छोटे से इलाके से आता हूं। सच कहूं तो वहां कोई सुविधाएं नहीं थीं। मैंने स्कूल में ऊंची कूद का प्रशिक्षण शुरू किया और शुरुआत में शारीरिक रूप से सक्षम प्रतियोगिताओं में भाग लिया। मैंने सक्षम लोगों क साथ बिहार सब-स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। बाद में एक दोस्त ने मुझे पैरा खेलों के बारे में बताया और इस तरह यह सब शुरू हुआ।

शैलेश ने आगे कहा, “साई गांधीनगर ने प्रशिक्षण में मेरी मदद की। जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद 2019 में मेरा वहां चयन हुआ। मुझे 10,000 रुपये मासिक मिल रहे थे और रहने-खाने की व्यवस्था थी। यह एक शानदार अनुभव था और सुविधाएं अच्छी थीं।”

शनिवार को अपने प्रदर्शन के साथ शैलेश ने खुद को पेरिस पैरालंपिक 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन से उबार लिया, जहां वह बेहद निराशाजनक तरीके से चौथे स्थान पर रहे थे। इस एथलीट ने अपने परिवार और कोच रौनक मलिक को इस चैंपियनशिप पर ध्यान केंद्रित करने और खुद को फिर से तैयार करने में मदद करने का श्रेय दिया।

शैलेश कुमार अक्टूबर 2019 से खेलो इंडिया योजना का हिस्सा रहे हैं। वह टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) कोर ग्रुप का भी हिस्सा हैं और गांधीनगर में भारतीय खेल प्राधिकरण के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस के प्रशिक्षु हैं।

पैरा एथलीट शैलेश ने प्रतियोगिता के पहले दिन शनिवार को स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में 1.91 मीटर की शानदार छलांग लगाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। यह अविश्वसनीय छलांग, जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और चैंपियनशिप रिकॉर्ड दोनों था, उनके चौथे प्रयास में हासिल की गई।

बिहार के जमुई जिले के 25 वर्षीय शैलेश घरेलू दर्शकों के सामने जीत हासिल करके बेहद खुश थे। उन्होंने उत्साह से कहा, “हम 10 दिन पहले यहां आए थे और इससे हमें माहौल के अनुकूल ढलने का पर्याप्त समय मिल गया। घरेलू दर्शकों के सामने पदक (स्वर्ण) जीतना अच्छा लगता है।”

शैलेश ने दिल्ली आने से पहले महीनों तक बेंगलुरु में अभ्यास किया। उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान बेंगलुरू का मौसम सुहाना था लेकिन दिल्ली की गर्मी उनके बेहतर प्रदर्शन में थोड़ी बाधा बनी। शैलेश ने कहा, “लक्ष्य बड़ा था, लेकिन गर्मी थोड़ी परेशानी का सबब बनी, लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं और अगली चैंपियनशिप में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा हूं।”

प्रतियोगिता में एक अन्य भारतीय वरुण सिंह भाटी ने भी देश को गौरवान्वित किया। ग्रेटर नोएडा के इस एथलीट ने 1.85 मीटर की छलांग लगाकर कांस्य पदक जीता। रजत पदक मौजूदा पैरालंपिक चैंपियन अमेरिका के एज्रा फ्रेच को मिला।

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