पश्चिमी सिंहभूम। जापान कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया (जेकेएआई) झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में सोमवार को संत जेवियर कल्याण केंद्र के कम्युनिटी हॉल में एक दिवसीय जूनियर कलर बेल्ट कराटे ग्रेडिंग परीक्षा का आयोजन किया गया। यह परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसमें चाईबासा के विभिन्न स्कूलों और कराटे प्रशिक्षण केंद्रों से लगभग 170 कराटे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

परीक्षा में प्रतिभागियों की बेसिक तकनीक, काता, कुमीते के साथ शारीरिक एवं मौखिक क्षमता का भी मूल्यांकन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जेकेएआई झारखंड के मुख्य कराटे प्रशिक्षक और परीक्षक सेंसाई पंकज कुमार सिंह (ब्लैक बेल्ट 6वीं डॉन, जापान) ने किया। इस दौरान सेंपाई रवि मछुआ और सेंपाई अंशु विश्वकर्मा (ब्लैक बेल्ट प्रथम डिग्री, जापान) ने विशेष सहयोग दिया।

इस ग्रेडिंग परीक्षा में संत जेवियर कल्याण केंद्र, संत जेवियर बालक विद्यालय, राजेश्वरी एनक्लेव कराटे केंद्र, संत जेवियर इंग्लिश स्कूल, डीएवी स्कूल और संत विवेका स्कूल, चाईबासा के खिलाड़ी शामिल हुए। प्रतिभागियों में आशीष कुमार सिंहा, निखिल नैतिक तीयू, दिशानी हेंब्रम, आशीष पाड़िया और अर्पित सुम्बरूई ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

परीक्षा में विभिन्न बेल्ट स्तरों पर खिलाड़ियों को प्रमाणित किया गया। 9वीं क्यू (रेड बेल्ट) में स्मृति सुंडी, आशीष कुमार सिंहा, विशाखा सवैंया, ऋषभ राजकुमार, अर्पिता गर्णायक, निखिल नैतिक तीयू, दिशानी हेंब्रम, आशीष पाड़िया, अर्पित सुम्बरूई समेत कई खिलाड़ियों ने सफलता पाई। 8वीं क्यू (ऑरेंज बेल्ट) में सुजल कुमार, सौरभ सवैयां, एंजेलिना पूर्ति, मयूरी सुम्बरूई और अन्य खिलाड़ियों ने स्थान प्राप्त किया। वहीं 7वीं क्यू (येलो बेल्ट) में आदित्य सवैंयां, अर्पित विश्वकर्मा, प्रिंसा जारिका, स्तुति मींज और अन्य प्रतिभागी सफल हुए।

6वीं क्यू (ग्रीन बेल्ट) में लक्ष्य विश्वकर्मा, टीया सुंडी, अलिशमा कुजूर, आर्यदीप कुदादा और अन्य का चयन हुआ। 5वीं क्यू (पर्पल बेल्ट) में राहुल लियांगी, अर्ली रेवेका भूईंयां, अनिका गुप्ता, काव्या कृति सुंडी सहित शामिल रहे। 4वीं क्यू (पर्पल स्ट्राइप बेल्ट) में शैलेजा चौधरी, अभिज्ञान डे, सत्या संत गागराई, अभिमन्यु सवैंयां, सार्थक गुप्ता, श्रेयश्री कुंकल और अन्य खिलाड़ियों ने सफलता हासिल की।

जेकेएआई झारखंड के अध्यक्ष एवं मुख्य कराटे प्रशिक्षक सेंसाई पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह की ग्रेडिंग परीक्षाएं बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और आत्मरक्षा की भावना को मजबूत करती हैं और उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनने की दिशा में प्रेरित करती हैं।

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